सीएम योगी ने बांटा एमएसएमई सेक्टर के 56754 उद्यमियों को 2002 करोड़ रुपये का कर्ज

लखनऊ। केंद्र से आर्थिक पैकेज की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई सेक्टर के 56754 उद्यमियों को 2002 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा। इस तरह लॉकडाउन अवधि में भी इतनी बड़ी धनराशि का लोन देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य मिल गया। इस कर्ज मिलने से दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की राह खुलेगी।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को रोजगार संगम ऑनलाइन कर्ज मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने एक क्लिक पर इतनी बड़ी राशि के कर्ज देने की योजना शुरू की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कामगारों व श्रमिकों को बनाएंगे यूपी की ताकत बनाएंगे। यह हमारे लिए पलायन का कलंक हटाने का भी बड़ा अवसर है। इसीलिए कामगारों व श्रमिकों का कौशल बढ़ाकर उनकी मदद की जाएगी।
सीएम योगी ने कहा हम लोगों ने आज पूरी दुनिया चीन से पलायन कर रही है। एक तरह से नफरत सी कर रही है। पूरी दुनिया जिस वैश्विक महामारी को झेल रही है, प्रत्येक व्यक्ति देख रहा है कि इसके पीछे कहीं न कहीं चीन है। जब पहला दीपोत्सव का कार्यक्रम अयोध्या में किया था तो उस कार्यक्रम में 51,000 दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे।
Lucknow: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath hands over cheques to people involved in MSME (Micro, Small & Medium Enterprises) sector as part of state's online loan fair. Around 36000 business persons will get loans worth Rs 1600-2000 crores under the programme. pic.twitter.com/hvaOc8FHTh
— ANI UP (@ANINewsUP) May 14, 2020
यह मिट्टी के दीपक, हमें पूरे उत्तर प्रदेश में ढूंढ़ने पड़े थे तब हमें 51,000 दीपक मिल पाए थे। इन स्थितियों में दीपावली के अवसर पर गौरी-गणेश की प्रतिमाएं चीन से क्यों आएंगी? क्या गोरखपुर का टेराकोटा इसकी आपूर्ति नहीं कर सकता? हम उन्हें डिजाइन देंगे और उसके अनुसार वे उत्पाद तैयार करेंगे। चीन से बेहतर प्रोडक्ट देने की क्षमता उनके पास है।
गोरखपुर के टेराकोटा को जीआई प्रोडक्ट में शामिल किया गया है। उसे बौद्धिक सम्पदा का अधिकार प्राप्त होने के बाद, वैश्विक मान्यता प्राप्त होगी। दुनिया भर में जो बांसुरी बजती है वह उ.प्र. के पीलीभीत में बनती है और ढोलक अमरोहा में बनती है। हमें उसको पहचानने की ताकत होनी चाहिए। हमें नए सिरे से आगे बढ़ाकर इसे प्रोत्साहित कर लें तो बहुत बड़ा कार्य होगा।
यह संभावना उत्तर प्रदेश के अंदर है। हम लोग कुम्हारों को निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध करा रहे थे। वह उससे मिटृटी के दीपक या अन्य उत्पाद बना रहे थे। साथ ही वे गांव के तालाब की मिट्टी निकालकर लाते थे तो वह तालाब फिर से जल संरक्षण के लिए तैयार होता था।एमएसएमई विभाग व एसएलबीसी से जुड़े सभी पदाधिकारियों और बैंकर्स कमिटी से जुड़े सभी महाप्रबंधकगणों से हमारा अनुरोध होगा कि उत्तर प्रदेश का एमएसएमई सेक्टर इसके सबसे बड़े हिस्से को लेकर लाभान्वित हो।
कल इतना भारी भरकम पैकेज घोषित हुआ है तो उसका सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आना चाहिए। ह उत्तर प्रदेश के लिए एक अवसर है। एक एकरके उत्तर प्रदेश के प्रत्येक प्रोडक्ट को इसी प्रकार बौद्धिक सम्पदा के दायरे में लाकर हम लोग प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं व उसे वैश्विक मान्यता देने की कोशिश कर रहे हैं।