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यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ में हमीरपुर के 31 गांव जलमग्न

  • -103 गांवों में हजारों किसानों की फसलें भी जलमग्न, 11334.2 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित
  • -6960 ग्रामीणों को प्रशासन ने बचाया, 591 परिवारों पर बरपा यमुना, बेतवा नदियों का कहर
  • -बाढ़ के पानी में घिरे गांवों में चलाई जा रही 14 नावें, पीएसी व एनडीआरएफ की दो टीमें लगी

हमीरपुर। यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ से यहां जिले में बड़ी तबाही मची है। बाढ़ के पानी में 31 गांव गिरफ्त में आए, वहीं 103 गांवों में हजारों किसानों की फसलें भी जलमग्न हो गई है। प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अब बड़े कदम उठाए हैं। बता दें कि हमीरपुर में यमुना और बेतवा समेत अन्य नदियों के उफनाने से तटवर्ती ग्रामों में बड़ा नुकसान हुआ है। दोनों नदियों ने इस बार कई दशकों का रिकार्ड तोड़ा है। हालांकि इस समय नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। अब ये नदियां खतरे के निशान से नीचे आ गई है। लेकिन बाढ़ से हजारों लोगों की दुश्वारियां बढ़ी है।

इधर एडीएम रमेश चन्द्र तिवारी ने सोमवार को शाम बताया कि नदियों की बाढ़ से हमीरपुर तहसील क्षेत्र में 30 गांव गिरफ्त में आए हैं, वहीं सरीला क्षेत्र में एक गांव बाढ़ के पानी से घिरा है। इसके अलावा हमीरपुर जिले में 103 गांवों की फसलें बाढ़ के पानी से जलमग्न हुई है। 11334.2 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ से प्रभावित हुआ है। बताया कि बाढ़ के दौरान 23 बाढ़ चौकियां एलर्ट पर है। साथ ही 220 नावें बाढ़ पीड़ितों के लिए लगाई गई है।

एडीएम ने बताया कि बाढ़ग़्रस्त गांवों में 14 नावें लगाई गई है वहीं पीएसी एवं एनडीआरएफ की एक-एक टीमें भी लगाई गई है। बाढ़ पीड़ितों को अभी तक 6960 लंच पैकेट वितरित कराए गए हैं। बाढ़ से प्रभावित पशुओं को खाने के लिए 170 कुंतल भूसा वितरित कराया गया है। बाढ़ से प्रभावित 591 परिवारों के लिए चार राहत शिविर खोले गए हैं।

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