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लगातार तीसरे दिन भी दिल्ली की ‘हवा खराब’, नोएडा में AQI 575 तक पहुंचा, अगले दो दिन राहत नहीं

दिल्ली एनसीआर को फिलहाल प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है. दिवाली के तीसरे दिन भी यहां वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है. सोमवार सुबह राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 432 दर्ज किया गया. वहीं नोएडा की हालत एनसीआर में सबसे खराब बनी हुई है. यहां AQI 575 तक पहुंच चुका है. सफर इंडिया के मुताबिक फिलहाल 2 दिन तक राहत के आसार नहीं हैं. गुरुग्राम में सुबह 9 बजे तक AQI 478 रहा.

दरअसल, राजधानी दिल्ली में दिवाली की रात से जारी प्रदूषण से शनिवार को चली हवा ने राहत की सांस दी. वहीं, बीते शनिवार से 24 घंटे में औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक में 9 अंकों की कमी के साथ AQI गंभीर कैटागिरी में बना हुआ है. वहीं, दूसरी ओर, NCR के फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण की स्थिति में मामूली सुधार होने के बाद यह एक बार फिर से बेहद खराब हालात में पहुंच गया है. हवा की गुणवत्ता गंभीर से लेकर बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी.

पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की 4,189 घटनाएं की गई दर्ज

बता दें कि सफर इंडिया के मुताबिक, बीते रविवार को पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की 4,189 घटना दर्ज की गईं है. वहीं, राजधानी दिल्ली के प्रदूषण में इसका हिस्सा 48 फीसदी रहा है. ऐसे में इस सीजन में पराली के प्रदूषण का यह सबसे ज्यादा हिस्सा है. सफर के अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर से चलने वाली तेज हवाओं के कारण पराली का धुआं तेजी से दिल्ली की हवा में घुलकर इसे जहरीला बना रहा है.

पीएम10 बेहद खराब और पीएम2.5 गंभीर श्रेणी में पहुंचा

गौरतलब है कि बीते शनिवार से 24 घंटे में वायु में पीएम10 का लेवल 423 और पीएम2.5 का स्तर 282 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा. ऐसे में पीएम10 का स्तर बहुत खराब व पीएम2.5 का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, बीते शनिवार को दिल्ली का AQI 437 था. वहीं, NCR के दो बड़ो शहरों में हवा को लेकर स्थिति में हल्का सुधार हुआ है. जहां फरीदाबाद का AQI 372 व ग्रेटर नोएडा का 365 रहा है.

दिल्ली में कई जगह लगाए गए स्मॉग गन

प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली में कई जगहों पर बड़े स्मॉग गन लगाए गए हैं और 114 टैंकर लगाकर पूरी दिल्ली में सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इसके अलावा नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर 92 निर्माण साइट्स को सील करने के आदेश भी दिए गए थे. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में अगर पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं, तो निश्चित रूप से उसका प्रभाव दिल्ली की हवा पर भी पड़ेगा.

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