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सुल्तानपुर साइंस मेले: जहां सुपरब्रेन्स असंभव चुनौतियों पर विजय प्राप्त करते हैं!

सुल्तानपुर शहर के सरस्वती विद्या मंदिर में क्षेत्रीय विज्ञान मेले के दूसरे दिन गणित और विज्ञान पर केंद्रित मॉडल छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुति दी। विज्ञान और गणित के क्षेत्र में ये मॉडल छात्र अपनी उभरती प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों ने चुनौतीपूर्ण प्रश्नों का तुरंत उत्तर दिया। मेले में संगठन के 49 जिलों से एक हजार बच्चे भाग ले रहे हैं. विद्या भारती द्वारा आयोजित विज्ञान मेले में काशी, गोरखपुर, अवध और कानपुर क्षेत्र के तत्वावधान में विज्ञान, संस्कृति और गणित के क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की कुल आठ टीमें भाग ले रही हैं।

विज्ञान, संस्कृति और गणित में बच्चे, छात्र और किशोर श्रेणियों में प्रतियोगिताएं हुई हैं। धनपतगंज के कौन्तेय ने मजेदार तथ्यों पर आधारित मॉडल बनाया, और लखीमपुर खीरी के अर्पित पाल ने ऊंचाई और लंबाई माप के आधार पर एक मॉडल बनाया। गोरखपुर के आदित्य मिश्र ने सूत्र सूचक मॉडल प्रस्तुत किया।

नवमीं के अभिषेक सिंह, ऋषभ और कानपुर की श्वेता ने गणित मॉडल प्रस्तुत किये। अमेठी से अभय प्रताप, हरदोई से प्रिंस चौहान, सिद्धार्थनगर से श्रेया पाठक, गोरखपुर से आयुष मिश्रा और सीतापुर से चंदन तिवारी ने भी मॉडल प्रस्तुत किए। विज्ञान मेले का समापन शनिवार को होगा।

कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के हरि दर्शन राम, प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भोलानाथ अग्रवाल व प्राचार्य बलवंत सिंह उपस्थित थे. “एक पृथ्वी, एक राष्ट्र” विषय पर रंगोली विज्ञान मेले में विद्यार्थियों द्वारा “एक पृथ्वी, एक राष्ट्र, एक भविष्य” थीम पर रंगोली बनायी गयी।

इसमें देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया। सैनिकों की आकृतियाँ, गंगा-जमुनी संस्कृति, अशोक स्तंभ और इंडिया गेट को दर्शाया गया था। बच्चों द्वारा देश की बढ़ती ताकत और विकास पर आधारित रंगोलियां भी बनाई गईं।

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