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कश्मीर में स्थिति अब काफी बेहतर, स्थानीय युवा हथियार के बदले किताब-कलम उठाएं: DGP दिलबाग सिंह

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने रविवार को कहा कि कश्मीर में अब हालात कहीं बेहतर हैं और लोग शांति एवं विकास की दिशा में बढ़ना चाहते हैं. केंद्रशासित प्रदेश में हाल में हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. डीजीपी सिंह ने स्थानीय आतंकवादियों से हथियार छोड़ने की अपील की और युवाओं से किताब-कलम उठाकर जम्मू-कश्मीर की समृद्धि और प्रगति की दिशा में काम करने का आह्वान किया.

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर ‘शांति और एकता के लिए दौड़’ के आयोजन के बाद श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से बातचीत में दिलबाग सिंह ने कहा, “हालात अब कहीं बेहतर हैं. अभी जो माहौल है, उसमें लोग शांति चाहते हैं और हिंसा के खिलाफ हैं. हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने उन घटनाओं की निंदा की है. अब हालात बेहतर हैं.

आपने यहां भागीदारी देखी, जो संकेत है कि लोग शांति और विकास की ओर बढ़ना चाहते हैं और हिंसा की निंदा करते हैं.” इस दौड़ में करीब 700 बच्चे, युवा और वयस्क शामिल हुए. डीजीपी ने स्थानीय आतंकवादियों से हथियार छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि न केवल वे अपनी जान से हाथ धोएंगे बल्कि वे अपने माता-पिता, समाज और लोगों के भी खिलाफ काम कर रहे हैं और हिंसा से हर कोई प्रभावित है.

समाज की बेहतरी हथियार उठाने से नहीं- डीजीपी

सिंह ने, हाल में जम्मू-कश्मीर दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई अपील दोहराई, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर घाटी के युवाओं को अपने हाथों में बंदूकों और पत्थरों के बजाए किताबें लेना चाहिए, अपना भविष्य बनाना चाहिए और केंद्र शासित प्रदेश की समृद्धि और प्रगति की दिशा में काम करना चाहिए.

डीजीपी सिंह ने कहा, “मैं भी समान संदेश देना चाहता हूं कि आपकी और समाज की बेहतरी हथियार उठाने से नहीं बल्कि किताब, कलम उठाने और अपने माता-पिता तथा समाज के साथ मिलकर काम करने से होगी.” अक्टूबर महीने में कश्मीर घाटी में दो शिक्षकों, एक दवा दुकानदार और पांच मजदूरों सहित आतंकवादियों ने 11 आम नागरिकों की हत्या कर दी. पिछले मंगलवार को भी बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों द्वारा किए एक ग्रेनेड हमले में एक महिला सहित 6 आम नागरिक घायल हो गए थे.

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