प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अफगानिस्तान संकट पर G20 की एक्स्ट्राऑर्डिनरी लीडर्स समिट में भाग लिया है. उन्हें इतालवी राष्ट्रपति ने शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत बनने से रोकने पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में समावेशी प्रशासन का आह्वान किया. उन्होंने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए समर्थन व्यक्त किया और अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में निहित संदेश के लिए जी20 के नए समर्थन का आह्वान किया. पीएमओ के अनुसार, अफगानिस्तान पर जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक एकीकृत अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया तैयार करने का आह्वान किया, जिसके बिना अफगानिस्तान की स्थिति में वांछित बदलाव लाना मुश्किल होगा.
बीते दिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि कहा कि G20 की एक्स्ट्राऑर्डिनरी लीडर्स समिट के एजेंडे में मानवीय जरूरतों की प्रतिक्रिया और युद्धग्रस्त राष्ट्र में बुनियादी सेवाओं व आजीविका तक पहुंच पर चर्चा शामिल होगी. इस साल अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है. पीएम मोदी ने इससे पहले पहले शंघाई सहयोग संगठन- सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (एससीओ-सीएसटीओ) अफगानिस्तान पर आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर अफगानिस्तान पर जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया था.
G20 में दुनिया की बीस प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल
G20 में दुनिया की बीस प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. यह अंतरराष्ट्रीय आम सहमति बनाने में मदद करने और अफगानिस्तान में बिगड़ते मानवीय संकट को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इस समिट की घोषणा सबसे पहले 29 सितंबर को इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने की थी. यह बैठक रोम में 30 और 31 अक्टूबर को होने वाले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से कुछ सप्ताह पहले हुई है.
जी20 विश्व की 19 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ को साथ लाता है और इसके सदस्य वैश्विक जीडीपी का 80 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं. जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.