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केंद्र सरकार ने दिया बिजली उत्पादन पर जोर, जल्द कोयला संकट सुधरने की भी संभावना

बिजली मंत्रालय ने कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. बताया जा रहा है कि इसके एक दिन देश में कोयला स्टॉक की स्थिति की निगरानी करने वाली एक कोर प्रबंधन टीम ने शनिवार को कहा कि बिजली संयंत्रों की स्थिति में जल्द ही सुधार होने की संभावना है. कई राज्यों में कोयले की भारी कमी की खबरों के बीच समिति ने स्थिति की समीक्षा की. यह नोट किया गया कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा कोयले का कुल डिस्पैच 7 अक्टूबर को 1.501 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जिससे खपत और वास्तविक आपूर्ति के बीच का अंतर कम हो गया.

कोर मैनेजमेंट टीम (CMT) ने आश्वासन दिया है कि तीन दिनों के बाद कोयला डिस्पैच प्रति दिन 1.7 मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है, जिससे कोयले की आपूर्ति और बिजली की स्थिति में सुधार होगा. टीम ने बिजली की मांग में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए कहा है कि कोयला खदान क्षेत्रों में भारी बारिश, आयातित कोयले की कीमतों में अभूतपूर्व उच्च स्तर तक वृद्धि और मानसून की शुरुआत से पहले कोयले की कमी के प्राथमिक कारणों के रूप में पर्याप्त स्टॉक न करना शामिल है. सीएमटी के अनुसार, कोयले पर निर्भरता 65 फीसदी से 70 फीसदी तक बढ़ गई है. 4 बिलियन यूनिट प्रतिदिन से अधिक बिजली की खपत कोयले से चलने वाली बिजली उत्पादन से ही पूरी की जा रही है.

मॉनीटरिंग टीम ने यह भी नोट किया है कि कुछ राज्यों की कोयला कंपनियों के भारी बकाया के पुराने मुद्दों ने संकट को बढ़ा दिया है. बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को बिजली ग्रिड में उत्पादन स्टेशनों के सर्वोत्तम उपयोग के संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए. दिल्ली में संभावित बिजली संकट को लेकर पेट्रोलियम सचिव ने बताया है बवाना और प्रगति स्टेशन को जरूरी गैस आपूर्ति की जाएगी. दादरी और झज्जर स्टेशन के लिए कोयले के स्टॉक को बढ़ाने के लिए एनटीपीसी को निर्देश दिया है.

दिल्ली को करना पड़ सकता है बिजली के संकट का सामना: केजरीवाल

दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि कोयले की कमी के कारण राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की आपूर्ति करने वाले उत्पादन संयंत्रों में कोयला और गैस पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बवाना संयंत्र में गैस की आपूर्ति बहाल होने के बाद दो दिन के लिए संकट टल गया है. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले दिनों में एनटीपीसी लिमिटेड की ओर से बिजली की आपूर्ति नहीं की गई तो राष्ट्रीय राजधानी में ‘ब्लैकआउट’ हो सकता है. मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि यह संकट ‘मानव निर्मित’ है. जैन ने बिजली विभाग और बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और इस मुद्दे तथा इसके संभावित समाधान पर चर्चा की.

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