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सीटों पर बनी बात! RLD को 32 सीटें दे सकते हैं अखिलेश, शिवपाल की प्रसपा से भी गठबंधन का ऐलान जल्द

यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर छोटे दलों को साथ लाने के लिए जोरआजमाइश चल रही है. खबर है कि समाजवादी पार्टी और राष्‍ट्रीय लोकदल के बीच सीटों को लेकर लगभग सहमति बन गई है. आगामी विधानसभा चुनाव सपा और रोलोद साथ मिलकर लड़ेंगे. सूत्रों के मुताबिक सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव रालोद को 32 सीटें ऑफर कर सकते हैं. हालांकि इसका अभी आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. उधर शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा से भी गठबंधन का ऐलान पार्टी जल्‍द कर सकती है.

गठबंधन पर 21 नवंबर को लखनऊ में हो सकता है ऐलान

समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन पर सहमति लगभग हो गई है. 21 नवंबर को लखनऊ में इसका ऐलान हो सकता है . सपा अपने सहयोगी रालोद को 32 सीटें दे सकती हैं और चुनाव के ऐन मौके पर इसमें कुछ संख्या बढ़ भी सकती है. रालोद से टिकट के कुछ मजबूत दावेदारों को सपा साइकिल सिंबल पर चुनाव लड़ा सकती है. अखिलेश यादव ने अपने चाचा व प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव से गठबंधन जल्द करेगी सपा कांग्रेस द्वारा प्रसपा व रालोद को अपनी ओर लाने की कोशिशों को देखते हुए सतर्क हो गई और इनके साथ गठबंधन करने में तेजी दिखाई.

अखिलेश की सत्ता परिवर्तन जनादेश रैली आज

इससे पहले आज अखिलेश यादव अम्‍बेडकरगनर में सत्‍ता परिवर्तन जनादेश रैली के लिए पहुंचेंगे. पार्टी के अनुसार, अखिलेश यादव 11:25 बजे अम्बेडकरनगर पहुंचेंगे. अखिलेश यादव, जिला मुख्यालय पर स्थित भानमती स्मारक पीजी कालेज में जनसभा को संबोधित करेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार, लालजी वर्मा और राम अचल राजभर अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ आज सपा में शामिल होंगे.

गठबंधन से कांग्रेस को लग सकता है झटका

इससे पहले हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी की मुलाकात के बाद कांग्रेस और रालोद के गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थी. इन अटकलों को समाजवादी पार्टी और रालोद ने खारिज कर दिया था. अब सपा और रालोद के बीच गठबंधन की खबरों के बाद कांग्रेस को झटका लग सकता है.

गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था. उस वक्त कांग्रेस ने 114 तथा सपा ने 311 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. सपा को 47 और कांग्रेस को सात सीटों पर जीत मिली थी. 2017 में राष्ट्रीय लोकदल ने 277 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल का गठन किया था. अजित सिंह के निधन के बाद रालोद का नेतृत्व उनके पुत्र जयंत चौधरी संभाल रहे हैं. पार्टी पहली बार जयंत की अगुवाई में कोई विधानसभा चुनाव लड़ रही है.

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