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जम्मू-कश्मीर: बंकर बने घाटी के वेडिंग हॉल, प्रशासन ने CRPF जवानों को सौंपा कम्युनिटी हॉल, स्थानीय लोगों और नेताओं में नाराजगी

श्रीनगर के सामुदायिक या मैरिज हॉल में CRPF जवानों को तैनात करने के जम्मू-कश्मीर प्रशासन के फैसले से स्थानीय लोगों और राजनीतिक नेताओं में नाराजगी है. पिछले कुछ दिनों में सीआरपीएफ ने कम से कम दो प्रमुख सामुदायिक हॉलों को अपने कब्जे में लिया है, जिसकों लेकर स्थानीय लोग काफी रोष में हैं और इसके खिलाफ लगातार अपना विरोध जता रहे हैं. लोगों का कहना है कि सुरक्षाकर्मियों को वैकल्पिक आवास दिए जाने चाहिए.

नोव्पोरा के एक निवासी ने बताया कि कुछ दिन पहले कुछ पुलिस वाले यह देखने आए थे कि क्या वो हमारे स्थानीय सामुदायिक हॉल में सीआरपीएफ के जवानों को ठहरा सकेंगे. जम्मू-कश्मीर प्रशासन का यह बहुत बेतुका फैसला है. लोग अपने सभी जरूरी इवेंट्स को इन हॉलों में आयोजित करते हैं. वहीं, खानयार के एक निवासी ने कहा, ‘ये हॉल भीड़भाड़ वाले इलाकों में मौजूद हैं और अगर यहां किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधि होती है या सुरक्षाबलों के द्वारा जवाबी कार्रवाई की जाती है तो इससे आसपास के स्थानीय लोगों को खतरा हो सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें नतीजों का डर है.’

प्रशासन ने सामुदायिक हॉलों को सीआरपीएफ को सौंपा

श्रीनगर में नगर निगम द्वारा प्रबंधित 24 सामुदायिक या मैरिज हॉल हैं. इन केंद्रों पर वैक्सीनेशन अभियान, आधार नामांकन और राहत वितरण जैसे सरकारी अभियान भी आयोजित किए जाते हैं. इन हॉल को अब प्रशासन ने स्थानीय पुलिस की मदद से सीआरपीएफ को सौंप दिया है. बता दें कि श्रीनगर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के चलते यहां सुरक्षाबलों की मौजूदगी बढ़ाई गई है. सीआरपीएफ के प्रवक्ता अबीराम पंकज ने कहा कि उनके पास अतिरिक्त जवानों को समायोजित करने के लिए जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के आवास की व्यवस्था नागरिक प्रशासन द्वारा की जाती है. ये स्थान पुलिस ने हमें सौंपे हैं और हमारे पास कोई और ऑप्शन नहीं है. यह उनका विशेषाधिकार है. हम केवल यह देखते हैं कि बुनियादी सुविधाएं ठीक हैं या नहीं.

उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन के फैसले पर जताया विरोध

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति इस हद तक खराब हो गई है कि पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान बनाए गए सामुदायिक घरों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों की बैरक के रूप में किया जा रहा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मेरी सरकार ने श्रीनगर में सामुदायिक/विवाह घर बनाए थे और बंकरों को खत्म कर दिया था. शहर में यह देखना निराशाजनक है कि सुरक्षा स्थिति अब इतनी खराब हो गई है कि नए बंकर बनाए जा रहे हैं और विवाह घरों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों की बैरक के रूप में किया जा रहा है.’ उमर अब्दुल्ला की यह टिप्पणी कुछ सामुदायिक या विवाह घरों में सीआरपीएफ की तैनाती की खबरों के बाद आई है.

महबूबा मुफ्ती ने भी की सरकार की आलोचना 

वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी सरकार की आलोचना की और कहा कि लोगों को चुप कराने के उद्देश्य से हर रोज कठोर कानून लाए जाते हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘श्रीनगर में हर जगह सुरक्षा बंकर स्थापित किए जाने के बाद अब सीआरपीएफ कर्मियों को विवाह घरों में भी तैनात कर दिया गया है जो यहां के लोगों के लिए पूरी तरह निजी स्थान है. लोगों को चुप कराने के एकमात्र उद्देश्य से हर रोज और अधिक कठोर कानून लाए जा रहे हैं.’

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