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इस धनतेरस ज्वैलरी मार्केट में रौनक रहने की उम्मीद, सोने की कीमतों में नरमी ने भरा जोश

भारतीय आभूषण बाजार में पुनरुद्धार के बीच सर्राफा कारोबारी इस साल धनतेरस पर जोरदार बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं. कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के कम होने के साथ त्योहारी सीजन को लेकर लोगों में जोश है और साथ ही इस समय में सोने की कीमतों (Gold Price) में नरमी है. ऐसे में आभूषण बाजार में रौनक रहने की उम्मीद है.

आभूषण उद्योग के एक निकाय ने कहा कि उम्मीद है कि इस साल त्योहारों पर आभूषणों की बिक्री 2019 के कोविड-पूर्व के स्तर पर पहुंच सकेगी. इसकी वजह इस समय 10 ग्राम सोने की कीमत 46,000-47,000 रुपये प्रति 22 कैरेट का होना है जो 2020 की तुलना में करीब 5 फीसदी कम है. साथ ही अब शादी-ब्याह आयोजनों में भी बढ़ोतरी हो रही है.

नवरात्रि के बाद से बाजार में दिख रही मांग

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, नवरात्रि के बाद से बाजार में मांग दिख रही है. यह धनतेरस पर भी जारी रहेगी. इस साल महामारी के नियंत्रण में होने, सोने की कीमतें कम होने और शादी का सीजन तेज होने के साथ त्योहार को लेकर जोश बना हुआ है. इस साल अक्टूबर-नवंबर के महीनों की बिक्री पूरे साल की बिक्री में 40 प्रतिशत का योगदान देगी.

महामारी के पहलेके स्तर पर लौट आएगा उद्योग

रत्न और आभूषण उद्योग के शीर्ष घरेलू निकाय को उम्मीद है कि 2021 में उद्योग-2019 के महामारी पूर्व के स्तर पर लौट आएगा. हालांकि, सोने की कीमत 2019 के स्तर से लगभग 20 प्रतिशत अधिक है.

सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स लि. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सुवेन्कर सेन ने कहा, बिक्री के पिछले साल की तुलना में 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कोविड-19 पूर्व के स्तर पर वापस आने की उम्मीद है. दो साल की मानसिक चिंता और चुनौतियों के बाद, ग्राहक खर्च करना चाहते हैं तथा अपनी खुशी और संपत्ति निर्माण के लिए आभूषणों में निवेश करना चाहते हैं.

सितंबर तिमाही में गोल्ड इन्वेस्टमेंट में आई भारी गिरावट

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर तिमाही में ग्लोबल गोल्ड इन्वेस्टेमेंट में सालाना आधार पर 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. गोल्ड ईटीएफ फंड में आउटफ्लो के कारण गोल्ड इन्वेस्टमेंट में इतनी भारी गिरावट आई है.

सितंबर तिमाही में ग्लोबल गोल्ड इन्वेस्टमेंट डिमांड 53 फीसदी घटकर 235 मिट्रिक टन रह गई. गोल्ड बार और क्वॉइन इन्वेस्टमेंट में 18 फीसदी का उछाल आया है और कुल निवेश सालाना आधार पर तेजी के साथ 261.70 मिट्रिक टन रहा. सोने की कीमत में आई गिरावट का निवेशकों ने फायदा उठाया और इसमें बड़े पैमाने पर खरीदारी की. माना जा रहा है कि चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में ग्लोबल गोल्ड इन्वेस्टमेंट डिमांड अच्छी रहेगी.

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