तीन साल की बच्ची के लिए देवदूत बनेे हीरामणि गुप्ता

तीन साल की बच्ची के लिए एबी निगेटिव ब्लड देने के बाद हीरामणि गुप्ता
मेजर ध्यानचंद खेल उत्थान समिति की पहल पर मिला एबी निगेटिव ब्लड
अयोध्या। दुनिया का सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप के एक यूनिट ब्लड के लिए 3 साल की मासूम बच्ची के लिए उसके माता पिता पिछले तीन दिनों से अयोध्या जनपद में परेशान थे और लॉक डाउन के चलते उसके समस्या घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही थी। हर तरफ निराशा मिलने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और पोस्ट वायरल होने के बाद मेजर ध्यानचंद खेल उत्थान समिति के अध्यक्ष आकाश गुप्त के प्रयास से ब्लड बैक में देवदूत की तरह पहुचकर हीरामणि गुप्ता ने ब्लड डोनेट किया। जिससे बच्ची व उसके माता-पिता के लवो मुस्कान वापस लाई जा सकी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्ती जनपद के थाना छावनी के अंतर्गत ग्राम सिटकहा (जाजूपुर) की तीन वर्षीय तनु पुत्री महेंद्र पांडेय खून की कमी के चलते पिछले तीन दिनों से जिला हॉस्पिटल में एडमिट थी। खून की कमी के चलते हीमोग्लोबिन 2 प्वाइट पर पहुच चुकी थी और चिकित्सक ने तत्काल एबी निगेटिव ग्रुप की ब्लड का डिमांड किया।
दुनिया का सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप एबी निगेटिव ब्लड बैंक में मौजूद नही था। परिजनों द्वारा पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, बस्ती, गोंडा के ब्लड बैंक में भी संपर्क किया लेकिन वहाँ भी निराशा ही हाथ लगी। परेशान होकर बच्ची के माता पिता ने सोशल मीडिया पर मैसेज डाल कर ब्लड के लिए अपील किया।
जिले के समाजसेवियों द्वारा उसे तेजी से वायरल किया गया और दर्जनों लोग ब्लड देने के लिए ब्लड बैंक पहुचे लेकिन उक्त ग्रुप का खून न होने के कारण किसी का खून नही लिया गया। इसी उक्त प्रकरण की जानकारी मेजर ध्यानचंद खेल उत्थान समिति के अध्यक्ष आकाश गुप्त तक पहुची और उन्होंने संस्था से जुड़े साथी गद्दों पुर निवासी हीरामणि गुप्त से सम्पर्क किया जिनका ब्लड ग्रुप एबी निगेटिव था।
उनकी सहमति मिलने के बाद पुरबाज़र से आकाश गुप्त और गद्दोपुर से हीरामणि गुप्त एक साथ ब्लड बैंक पहुचे और बच्ची के लिए ब्लड डोनेट कर निःस्वार्थ भावना से मानवता की मिसाल बने। इस मौके पर संस्था अध्यक्ष आकाश गुप्त ने कहा कि कोरोना (वैश्विक) आपदा में जरूरतमंद लोग संस्था से सम्पर्क करके ब्लड प्राप्त कर सकते है जिससे जिले में किसी की जान न जाने पाए।