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पंचायतीराज संवाद कार्यक्रम में बोले ACS मनोज सिंह- दूर होंगी प्रधानों की समस्याएं, बढ़ेंगे अधिकार

लखनऊ : राजधानी स्थित पंचायतीराज निदेशालय में शुक्रवार को ‘पंचायतीराज संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में ग्राम प्रधानों की समस्याओं व उनके अधिकार बढ़ाने के विषय पर चर्चा हुई. इस अवसर पर गांव के विकास में सराहनीय कार्य करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया. साथ ही सेंटर फॉर डेवलपमेंट एक्शंस द्वारा ग्लोबल ग्राम प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन की तरफ से हुआ.

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज, ग्राम्य विकास व राजस्व मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में पढ़े-लिखे शिक्षित लोग निर्वाचित हुए हैं. गांव के विकास के लिए ग्राम प्रधान महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं. गांव में पहले विकास कार्य कम होते थे, बजट भी छोटा रहता था. नाली, सड़क, पुलिया के काम होते थे. नई व्यवस्था के बाद पंचायतों को अधिकार मिले और गांव का तेजी से विकास हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग की तुलना में जो काम प्रधान कराते हैं, वह बेहतर होता है.

किसी भी विभाग के कर्मचारी के माध्यम से किसी भी घटना की जानकारी लेने में प्रधान की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ग्राम प्रधानों के अधिकारों और समस्याओं को दूर करने पर विचार हो रहा है. जल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी देने की प्रक्रिया चल रही है. जनप्रतिनिधि कल्याण कोष और ग्राम पंचायतों के अधिकार एवं उनकी उनकी क्षमता में वृद्धि की मांग हो या ग्राम पंचायतों को और अधिक अधिकार देने की बात हो, इसको लेकर शासन स्तर पर फैसला जल्दी होगा.

अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत घरों को भी विस्तार करके उन्हें पंचायत सचिवालय के रूप में उपयोग किया जाएगा. हर गांव में पंचायत सहायक बनाने की बात हुई है. अब तक 54 हजार लोगों का चयन हो गया है. बहुत पारदर्शी तरीके से यह काम बिना किसी शिकायत के हो गया है. अब किसी को बाहर जाकर परेशान होने नहीं दिया जाएगा. गांव के पंचायत सहायक के माध्यम से ही सभी काम हो जाएंगे. केंद्रीय वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग से मिलने वाले मानदेय को अलग निधि से देने की व्यवस्था की जा रही है.

नरेगा के अंतर्गत पंचायतों को सक्रियता से काम कराने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं, एक व्यवस्था बनाई जा रही है. सभी विभागों के अभियंता से एक ग्राम प्रधान काम करा पाएंगे, उन्हें अधिकृत किया जाएगा. जो लीकेज हैं, उन्हें समाप्त किया जाएगा. इस व्यवस्था गांव में तेजी से विकास कार्य हो सकेंगे. इसके साथ ही ग्राम प्रधानों के अधिकार बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है. इससे नरेगा के काम का भुगतान प्रधान कर सकेंगे. पंचायतों को अब और अधिक सशक्त करना है. सर्विस डिलीवरी पर आपको और अधिक ध्यान देने की जरूरत है. सीएम योगी आदित्यनाथ कोविड के समय से लगातार मीटिंग कर रहे हैं. प्रधानो के सहयोग से कोविड से जीत पाने की बात भी उन्होंने कही है.

कार्यक्रम में संगठन के उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने प्रधानों की समस्याओं और अन्य मांगों को रखने का काम किया. राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रभूषण पांडेय ने कहा कि अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रधानों पर जैसे विश्वास जताया है, उसके लिए धन्यवाद देता हूं. सभी ग्राम प्रधान सरकार के विकास कार्य को निचले स्तर तक पहुंचाने का काम करेंगे. अधिकतम अधिकार देने का काम करें, यह मेरी मांग है. सभी गांव को आदर्श बनाने की जरूरत है, सिर्फ आदर्श गांव की बात करना निराधार है.

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पंचायतों में सराहनीय विकास कार्य कराने वाले चार पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायत प्रतीक सम्मान से सम्मानित किया. इनमें सिद्धार्थनगर जनपद के हुसडी अवसानपुर ग्राम पंचायत के प्रधान दिलीप कुमार त्रिपाठी, लखनऊ की लतीफपुर गांव की तत्कालीन प्रधान श्वेता सिंह, गोरखपुर के कौड़ीराम विकासखंड के जिला पंचायत सदस्य विनय वर्मा, बाराबंकी के चैनपुरवा गांव में स्वरोजगार की अलग जगाने वाले इंजीनियर निमित कुमार सिंह शामिल हैं.

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