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पंजाब विधानसभा में CM चन्नी की स्पीच के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल के विधायकों के बीच झड़प, हाथापाई की आई नौबत

पंजाब विधानसभा में मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की स्पीच के दौरान अकाली दल के विधायक और पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जमकर झड़प हुई. नौबत हाथापाई तक आ पहुंची. किसी तरह से दोनों पक्षों को शांत किया गया. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अकाली दल के नेताओं को नशे का सौदागर कह दिया. जिसके बाद अकाली दल के विधायक भड़क गए और उसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल के नेता और विधायक आमने-सामने हो गए. पंजाब विधानसभा में मॉर्शल्स की तैनाती की गई.

पंजाब विधानसभा का एक वीडियो सामने आया है, जिसके आखिरी 1 मिनट में दिख रहा है कि कैसे अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और अन्य अकाली विधायक सीएम की सीट के सामने पहुंच गए और वहां पर बीच-बचाव करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य कांग्रेस विधायक भी आ गए. जिसके बाद दोनों पक्षों में काफी तकरार हुई, लेकिन जैसे ही हाथापाई की नौबत आई वैसे ही पंजाब सरकार ने इस टेलीकास्ट को बीच में बंद कर दिया. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने सदन में अपनी स्पीच के दौरान अकाली नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि तुम लोग नशे के साथ जुड़े हुए हो जिसके बाद दोनों पक्षों में गर्मा-गर्मी हो गई.

स्‍पीकर ने बाकी बची कार्यवाही से विधायकों को किया बाहर

पंजाब विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अकाली दल के विधायकों को स्पीकर ने नेम करके सदन की बाकी बची कार्यवाही के लिए बाहर किया. नशे से जुड़ा होने के सीएम के द्वारा अकाली दल को लेकर दिए गए बयान पर अकाली दल के विधायक वेल के पास लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और सीएम से उनके शब्दों को वापस लेने और माफी की मांग कर रहे थे. जिसके बाद सदन की कार्यवाही में बाधा होने के कारण विधानसभा स्पीकर ने अकाली दल के विधायकों को नेम करके बाहर कर दिया. पंजाब विधानसभा में नेम किए जाने के बाद विधानसभा के अंदर जबरन आने की कोशिश कर रहे अकाली दल के विधायकों को मॉर्शल्स में अंदर नहीं घुसने दिया. इस दौरान अकाली दल के विधायकों और सदन के बाहर मौजूद मार्शल्स के बीच काफी देर धक्का-मुक्की होती रही.

एपीएस देओल से भी सिद्धू की हुई थी बहस

बता दें कि हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू और एपीएस देओल के बीच तीखी बहस भी देखनो को मिली थी. दरअसल शनिवार को देओल ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू पर सरकार और एजी ऑफिस के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया था. देओल ने पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता सिद्धू को ड्रग्स और बेअदबी से जुड़े मामलों में बार-बार बोलने को लेकर उनको लताड़ लगाई था. देओल का कहना था कि ऐसा करने से इन मामलों में न्याय सुनिश्चित करने के राज्य के गंभीर प्रयास पटरी पर से उतर सकते हैं.

सिद्धू ने जवाब देते हुए कहा था कि न्याय अंधा हो सकता है, लेकिन पंजाब के लोग नहीं. हमारी कांग्रेस पार्टी बेअदबी के मामलों में न्याय दिलाने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, जिसमें आप मुख्य साजिशकर्ताओं/अभियुक्तों की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए और हमारी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. पंजाब के एजी एपीएस देओल का इस्तीफा मंजूर होने को नवजोत सिंह सिद्धू की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. एपीएस देओल की नियु्क्ति के बाद से ही सिद्धू इसका विरोध कर रहे थे. इसी के चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था.

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