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आगरा के हालात पर प्रियंका गांधी का ट्वीट

आगरा। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि आगरा शहर में नए पॉजिटिव मरीजों के सामने आने के साथ हालात रोज बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने आगरा के मेयर की तकलीफ का हवाला देते हुए अपनी बात रखी है। प्रियंका ने मेयर के हवाले से कहा कि अगर स्थिति को कंट्रोल नहीं किया गया तो समस्या बढ़ सकती है। प्रियंका ने हिंदी में ट्वीट करते हुए लिखा, “आगरा शहर में हालात खराब हैं और रोज नए मरीज निकल रहे हैं।

आगरा के मेयर का कहना है कि अगर सही प्रबंध नहीं हुआ तो मामला हाथ से निकल जाएगा। कल भी मैंने इसी चीज को उठाया था। पारदर्शिता बहुत जरूरी है। टेस्टिंग पर ध्यान देना जरूरी है। कोरोना को रोकना है तो फोकस सही जानकारी और सही उपचार पर होना चाहिए। सरकार द्वारा आगरा मेयर की बातों को सकारात्मक भाव से लेना और तुरंत पूरी तरह से आगरा की जनता को महामारी से बचाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है।” आगरा के मेयर ने शहर के हालात पर अपनी चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था।

ताजा रिपोर्ट के अनुसार आगरा फिर से एक बड़े हॉटस्पॉट में बदल रहा है। यहां 348 लोगों के पॉजिटिव टेस्ट किया गया है, जिसमें 32 लोग ठीक हो गए और आठ लोगों की मौत हो गई है। अगले मेयर नवीन जैन ने स्थिति को संभालने में मदद करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और मीडिया से कहा, “नर्सिंग होम प्रेगनेंट महिलाओं की मदद करने के लिए तैयार नहीं हैं। परिवार में covid-19 रोगियों को परीक्षण के लिए कई दिनों तक इंतजार करने के लिए मजबूर किया जाता है।

उन्होंने कठिन समय से गुजर रहे आगरा को बचाने के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि आगरा के लोग दहशत में हैं। कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी , ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को टेस्ट के दायरे को और बढ़ाने के लिए एक पत्र लिखा था, और इस बात की आलोचना भी की थी कि शहर में बहुत कम लोगों के टेस्ट हो पा रहे हैं, उन्होंने कहा कि केवल दो लोगों की रिपोर्ट आई वो भी उनकी मृत्यु के बाद।

ये है मेयर का खत

मेयर ने अपने पत्र में लिखा है कि ‘सेवा में, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी, मान्‍यवर सादर प्रणाम, अवगत कराना है कि आगरा शहर में ग्लोबल महामारी कोरोना के मरीजों की संख्‍या 313 तक पहुंच चुकी है। आशंका है कि यदि उचित प्रबंधन नहीं हुआ तो इस संख्‍या में काफी बढ़ोत्‍तरी हो सकती है और आगरा देश का वुहान बन सकता है। स्थिति को नियंत्रित करने में स्‍थानीय प्रशासन नकारा साबित हुआ है। स्‍थानीय प्रशासन द्वारा हॉट स्‍पॉट क्षेत्र में बनाए गए क्‍वारंटाइन सेंटर्स में कई कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही है। और न ही वहां मरीजों के लिए भोजन एवं पानी का उचित प्रबंधन किया जा रहा है।

सरकारी अस्‍पताल में कोरोना मरीजों को छोड़कर अन्‍य मरीजों को भी नहीं देखा जा रहा है। स्थिति विस्‍फोटक हो चुकी है। डायलिसिस, अन्‍य जांचेंं व समुचित उपचार न होने के कारण मरीज मर रहे हैं। जिसका उदाहरण सिकंदरा निवासी आरबी सिंह पुंढीर हैं। दवाएं न मिलने के कारण लोग परेशान हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल बंद हैंं और जो मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रस्‍त हैं उनका उपचार भी नहीं हो पा रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटलों के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। धरातल पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। लॉकडाउन में आवश्‍यक सेवाएं, खाद्य एवं रसद सामग्री के डोर स्‍टेप डिलीवरी के दावे तो किये गए किंतु ये सभी आवश्‍यक वस्‍तुएं जन सामान्‍य तक समुचित ढंग से नहीं पहुंच पा रही हैं।

जहां कहीं उपलब्‍ध हैं तो वहां जमकर काला बाजारी हो रही है। आगरा के मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी भी जिला अस्‍पताल की व्‍यवसथाओं को नहीं संभाल पा रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। केवल 15- 20 मिनट के लिए फोटोग्राफी कराने के उद्देश्य से बाहर निकलते हैं। जिससे रिकॉर्ड रखा जा सके। इन क्रिया कलापों की वजह से आम जनमानस भाजपा की सरकार एवं जनपव्रतिनिधियों को कोस रही है। तथा आम जनमानस में काफी आक्रोश व्‍याप्‍त है। स्‍थानीय प्रशासन पंगु बना हुआ है, जिसके कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

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