बेमौसम बरसात की पड़ी मार । लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 3% गेहूं की हुई खरीद ।

लोकेश त्रिपाठी अमेठी-
एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना के संकट को चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसानों पर प्रकृति की मार लगातार पड़ रही है। इस बार रवी की फसल की बुवाई के समय से ही लगातार किसानों पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि कहर बनकर ढाया है। जिसके चलते गेहूं की फसल की पैदावार आधी हो गई है। जो गेहूं किसी तरह से तैयार होकर सरकारी क्रय केंद्र तथा एफसीआई के गोदामों तक पहुंच रहा है। वहां पर भी प्रकृति की मार से वह बच नहीं पा रहा है अभी बीते दिनों तेज आंधी तूफान के साथ हुई बरसात के चलते जहां पर किसानों की तैयार गेहूं की फसल बर्बाद हो हो रही है ।
अभी तक अमेठी जनपद में 51500 मिट्टी टन गेहूं की खरीद लक्ष्य के सापेक्ष 320 किसानों से 1550 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो पाई है । जो कि लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 3% है। ऐसे में सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति कर पाना विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। हालांकि इसके लिए अभी तक 15 जून तक का समय दिया गया है।
वहीं पर जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अमेठी ने बताया कि अमेठी जनपद में कुल 50 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। जिस पर इस वर्ष हमें गेहूं की खरीद के लिए 51500 मीट्रिक टन लक्ष्य दिया गया है। जिसमें कल तक हमारी खरीद 1550 मीट्रिक टन हो गई है। जो लक्ष्य के हिसाब से 3 परसेंट हो पाया है । अभी तक जिले में कुल 320 किसानों से खरीद हुई है । गेहूं की खरीद पंजीकरण के मध्यम तथा टोकन नंबर से ई-क्रय के माध्यम से खरीद की जा रही है । ऑफलाइन कोई भी खरीद नहीं होती है। इस बार किसानों को स्वयं पोर्टल पर अपना क्रय केंद्र चुनने की सुविधा दी गई है। वह जिस क्रय केंद्र पर चाहे अपना गेहूं बेच सकते हैं । यह सुविधा पहली बार उनको दी गई है। आगे उन्होंने बताया कि दो-तीन सेंटरों पर खुले में हमारे गेहूं रखे हुए थे । जिसमें खुद मेरे द्वारा जायस और अमेठी का निरीक्षण किया गया । कहीं पर गेहूं का दाना नुकसान नहीं हुआ है। जहां पर भी गेहूं खरीद कर रखा गया था उसके ऊपर पन्नी पड़ी हुई थी । लेकिन फिर भी हल्की बौछार लग गई है। फिलहाल उससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रतिकूल मौसम में गेहूं को ढकने के लिए प्लास्टिक पन्नी की व्यवस्था है। उसके लिए हम लोग अधिक से अधिक खरीद को भारतीय खाद्य निगम में भंडारण कर देते हैं।
सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए आगामी 15 जून तक का समय दिया गया है। किंतु किसान इस बार गेहूं कम दे रहे हैं मंडियों में गेहूं की आवक कम है। पिछले वर्ष इस समय तक जहां हम चार हजार मैट्रिक टन गेहूं खरीद चुके थे। मंडी में 5600 मीट्रिक टन गेहूं आ चुका था । वहीं पर मंडी में इस बार गेहूं की बहुत कम आवक है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस बार किसानों के द्वारा गेहूं का स्टोरेज किया जा रहा है। साथ में दूसरी बात यह है किसानों ने बताया कि गत वर्ष की यदि तुलना में इस बार हमारे जनपद में पैदावार कम हुई है।