विद्युत विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों का भ्रष्टतम कारनामा

लोकेश त्रिपाठी अमेठी- कोरोना वायरस के चलते हुए लाख डाउन से जहां एक तरफ जनता भारी परेशानियां झेल रही है वहीं पर दूसरी तरफ लापरवाही की पराकाष्ठा पार करता विद्युत विभाग अपने मनमानेपन पर उतर आया है। जी हाँ ऐसा ही एक मामला वीवीआइपी क्षेत्र अमेठी से सामने आया है। जिसमें विद्युत विभाग की घोर लापरवाही के चलते एक परिवार इस लाक डॉउन में घुट-घुटकर जी रहा है।

दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला अमेठी जनपद, तहसील एवं कोतवाली क्षेत्र अमेठी के ग्राम-घाघूघार, पोस्ट कोरारी गिरिधरशाह से जुड़ा हुआ है। जहां पर शिवराम का परिवार निवास करता है । परिवार में उनके समीर और अंजनी दो बेटे हैं । दोनों एक ही घर में निवास करते हैं ।
इस परिवार ने 24 जून 1998 में अपने घर पर अंजनी कुमार के नाम से विद्युत कनेक्शन कराया था। जिसका खाता संख्या 761631934355 है । इस विद्युत कनेक्शन का यह परिवार लगातार बिल का भुगतान करता चला आ रहा है। इसके बावजूद विद्युत विभाग की घोर लापरवाही का शिकार हुआ या परिवार। विद्युत विभाग ने इसी तारीख पर इसी व्यक्ति के नाम पर दूसरा फर्जी करेक्शन जारी कर दिया। जिसका खाता नंबर 761631 951252 है। जिस पर विद्युत विभाग ने 1लाख 25 हजार 180 रुपए जुलाई 2019 में बकाया दिखाया।

इसके उपरांत अंजनी कुमार को विभाग ने नोटिस भी इशू कर दिया । जिसको लेकर अंजनी कुमार आनन-फानन में विद्युत विभाग पहुंचे जहां पर अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाने लगी। जिस पर एसडीओ विद्युत विभाग ने अवर अभियंता से जांच कर रिपोर्ट लगाने को कहा । अवर अभियंता ने 29 अगस्त 2019 को जांच करके एसडीओ अमेठी को जांच रिपोर्ट भी प्रेषित कर दिया। जिसमें अवर अभियंता ने स्पष्ट रूप से लिखा था कि केवल एक संयोजन 761631934355 चल रहा है। जिस पर प्रार्थी के द्वारा लगातार भुगतान भी किया जा रहा है। इसके उपरांत विभाग कार्यवाही में जुट गया । विभाग द्वारा ना मालूम कौन सी कार्यवाही की गई अभी 14 फरवरी 2020 को अंजनी कुमार के घर विभाग वालों ने पहुंचकर पुराने कनेक्शन पर मीटर लगाया और उसकी सीलिंग उनको प्रदान किया। अभी तक सब कुछ ठीक चल रहा था लग रहा था कि पुराना डुप्लीकेट कनेक्शन विभाग ने हटा दिया है।

किंतु विद्युत विभाग अमेठी ने इसी लाक डाउन के दौरान अचानक अंजनी कुमार के नाम घर पर 1 लाख 38 हजार तीन सौ चौरासी रुपए बकाए होने का नोटिस भेज दिया । इसमें फरवरी 2020 महीने तक का बिल दर्शाया गया है । जिसमें बकाया धनराशि की अंतिम तिथि 2 अप्रैल 2020 दिखाई गई है। किंतु यह नोटिस अंजनी कुमार को 21 अप्रैल को प्राप्त हुई। जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि इस नोटिस के माध्यम से आपको सूचित किया जाता है कि “आप 30 दिन के अंदर यदि बकाया धन नहीं जमा कर देते हैं तो संपूर्ण दे धनराशि की वसूली नोटिस लागत सहित आप से भू राजस्व बकाए के रूप में वसूली जाएगी” अर्थात आरसी काटे जाने के स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है ।

सबसे बड़ी बात इसमें यह है कि एक ही व्यक्ति के नाम एक ही तारीख एक ही मकान में एक साथ दो कनेक्शन विभाग कैसे चला सकता है ? यदि लिपकीय त्रुटि से ऐसा हुआ तो उसको काट देना चाहिए था । उसने अपनी कमी को छुपाते हुए बकाए की धनराशि जबरदस्ती उपभोक्ता से वसूल करना चाहता है। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि इस लॉक को डाउन के समय में सरकार द्वारा भी यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सभी बकाए को स्थगित रखा जाए किसी को नोटिस दी जाए और ना ही किसी का न कनेक्शन काटा जाए। इसके बावजूद विभाग अपने मनमाने पन पर उतारू है और नोटिस देते हुए आरसी जारी करने की चेतावनी भी दे रहा है। जिसको लेकर अंजनी कुमार के बड़े भाई कवि समीर कुमार (समीर अमेठवी) सहित पूरा परिवार अत्यंत परेशान है । उसके गले के नीचे भोजन और पानी नहीं उतर रहा है । क्योंकि इस परिवार के पास आय का कोई स्रोत नहीं है और यह गलत बिल के सहारे विभाग आखिर कब तक प्रताड़ित करता रहेगा। अंजनी कुमार के बड़े भाई समीर कुमार ने बताया कि लॉक डाउन चल रहा है । इसमें हम लोग घर से बाहर निकल नहीं सकते किसी भी अधिकारी के पास जा नहीं सकते हैं। इस तरह से हमारी आरसी काटने की धमकी भरा नोटिस हमको दिया जा रहा है। हमारे परिवार की इज्जत,रुतबा नाम और मान सम्मान को धूमिल किया जा रहा है। पूरे समाज में हमारी बदनामी हो जाएगी ।हम लोग इसी से परेशान हैं बात करते हुए उन्होंने बताया कि लगातार विभाग के चक्कर काटते काटते हम थक गए हैं। फिर भी हमारी कोई सुन नहीं रहा है ।

जबकि मेरे पास यही गांव का एक ही घर है समूचे उत्तर प्रदेश में मेरा दूसरा कोई घर नहीं है एक कमरा भी नहीं है। ऐसे में हम दोनों भाई संयुक्त परिवार में किसी तरह से गुजारा करते हैं ऐसे में हम फर्जी बिल का भुगतान कैसे कर सकते हैं। बातचीत के दौरान समीर कुमार ने बताया की अगस्त 2019 में जब मेरे द्वारा इस कनेक्शन को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा था तभी विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने मुझसे सुविधा शुल्क (घूंस) की मांग की गई थी। जिसको मेरे द्वारा नहीं दिया गया था ।इसी के चलते यह कनेक्शन अभी तक चल रहा है और मुझे लगातार परेशान किया जा रहा है । ऐसे ही मेरी तरह तमाम लोग हैं जो विभाग की इस कारस्तानी से त्रस्त हैं।

वहीं पर जब इस मामले में अमेठी के विद्युत विभाग के एसडीओ इंजीनियर अमरजीत वर्मा से दूरभाष पर संपर्क साधा तो उन्होंने नया खुलासा करते हुए बताया की 24 जून 1998 को इस तरह के तमाम कनेक्शन हो गए हैं। इसलिए इन कनेक्शनों की जांच करके इन को खत्म करने की कार्यवाही की जाएगी। लेकिन यहां पर भी यह बड़ा सवाल है कि जब अंजनी कुमार के कनेक्शन की जांच अगस्त 2019 में अवर अभियंता के द्वारा की गई और उसकी रिपोर्ट भी लगाई गई इसके बावजूद कनेक्शन को खत्म नहीं किया गया और धमकी भरा नोटिस उपभोक्ता के घर भेज दिया गया आखिर इस तरह से विद्युत विभाग उपभोक्ताओं को कब तक संघ और प्रताड़ित करता रहेगा यह एक बड़ा सवाल है क्या कभी विभागीय अधिकारियों के ऊपर भी कोई कार्यवाही होगी अथवा जनता ही इनकी करनी की कीमत चुकाती रहेगी।
