केजीएमयू में इलाज न मिलने से मासूम बच्ची की मौत

लखनऊ। केजीएमयू में बुखार से पीड़ित मासूम बच्ची को इलाज न मिलने से मौत हो गई। परिवारीजनों का आरोप है कि डॉक्टर बच्ची को ट्रॉमा से ओपीडी दौड़ाते रहे। समय पर इलाज न मिलने से बच्ची की सांसें उखड़ गईं। सीतापुर स्थित कोठार पुरवा निवासी निशा (7) को तीन दिन से बुखार आ रहा था। परिवारीजनों ने स्थानीय अस्पतालों में इलाज कराया। निशा को बुखार से राहत नहीं मिली। मोहम्दाबाद सीएचसी में बच्ची को भर्ती कराया गया।
बुधवार को डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल ने केजीएमयू रेफर कर दिया। पिता अशोक कुमार के मुताबिक बुखार की वजह है बच्ची को झटके आ रहे थे। 12 बजे के करीब परिवारीजन निशा को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां से वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग की चाइल्ड ओपीडी भवन में स्क्रीनिंग के लिए भेज दिया गया।
पिता अशोक का आरोप है कि पर्चा बनवाने के बाद न्यू ओपीडी ब्लॉक के भूतल पर निशा की दोबारा कर्मचारियों ने जांच की। ट्रॉमा सेंटर पहुंचने से पहले बच्ची की सांसें थम गई। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। शिकायत मिलेगी तो जांच कराईजाएगी।
वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज से वसूली
जानकीपुरम के निजी हॉस्पिटल में बेहोशी की हालत में ले जाए गए मरीज रामकृपाल (45) को वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया। करीब 10 दिन तक भर्ती रहे मरीज की हालत में सुधार न होने पर तीमारदारों ने डिस्चार्ज के लिए कहा। आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने वेंटिलेटर से हटाते ही मौत होने की बात कहते हुए करीब चार लाख रुपये वसूल कर लिए। तीमारदारों ने डिस्चार्ज के लिए दबाव बनाया तो सवा लाख का भुगतान बाद ही मरीज को छोड़े जाने को की बात कही। सीएमओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।