मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील: रमजान के दाैरान लाॅकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें

लखनऊ। 24 अप्रैल को रमजान-उल-मुबारक का चांद दिखाई देगा। शिया और सुन्नी चांद कमिटियां इसी दिन मगरिब की नमाज के बाद चांद दिखने या न दिखने का ऐलान करेंगी। इस बीच रमजान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने के लिए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के बाद इदारा-ए-शरिया ने भी अडवाइजारी जारी कर दी है।
अडवाइजरी में कहा गया है कि रमजान में किसी भी तरह की इफ्तार पार्टी न करें, इसकी जगह जरूरतमंदों की मदद की जाये। अडवाइजरी में यह भी साफ-साफ कहा गया है कि विडियो कॉलिंग के जरिए तरावीह या कोई नमाज नहीं होगी। मुफ्ती मौलाना अबुल इरफान मियां फरंगी महली, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और शिया मरकजी चांद कमिटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने साफ तौर पर रमजान में लोगों से लॉकडाउन का पूरी तरह पालन करने और घरों में रहकर ही इबादत करने की अपील की है।
मुस्लिम धर्मगुरूओं की अडवाइजरी
- घर में तरावीह तन्हा पढ़ें. घरवालों के साथ जमात बनाकर पढ़ सकते हैं.
- मुमकिन हो तो तरावीह के लिए हाफिज-ए-कुरान जरूर हों.
- विडियो या विडियो कॉलिंग वगैरह से तरावीह या और कोई नमाज नहीं होगी.
- रोजे में कोरोना और दूसरी बीमारियों की जांच के लिए खून निकलवा सकते हैं.
- गरीबों और जरूरतमंद पड़ोसियों को इफ्तार के नाम पर नगदी वगैरह पेश करें.
- लॉकडाउन के कारण जो लोग उमरा नहीं कर सके, वे बची रकम का एक हिस्सा विधवा, गरीब और बीमारों को दें. एक हिस्सा दीनी मदारिस को भी दे सकते हैं.
- पूरे रमजान में कहीं भी इफ्तार पार्टी वगैरह न करें. ऐसे आयोजन की रकम गरीबों में बांटें.