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पीलीभीत: आंधी के साथ बारिश, खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल भीगी

पीलीभीत। मौसम में बदलाव से अन्नदाता के चेहरे पर सिलवटें पड़ने लगी है। खेतों में गेहूं फसल की कटाई चल रही है। ऐसे में एक-एक गेहूं का दाना सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। जिलेभर में तेज धूलभरी आंधी के साथ तेज बारिश होने से खेतों में कटा पड़ा गेहूं भीग गया। आम के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। गेहूं की फसल खेतों से जल्द उठा  लेने की  अपील की गई है।

तराई क्षेत्र के पीलीभीत जनपद में मुख्यत: धान, गन्ना, गेहूं की फसल पैदा की जाती है। इन फसलों के साथ सह फसली भी लिया जा रहा है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति समृद्ध हो रही है। खेतों में गेहूं की फसल कटकर तैयार है। जिले के अधिकांश इलाकों में गेहूं फसल की हाथ अथवा कंबाइन मशीन से कटाई की जा रही है।

लॉकडाउन की वजह से गेहूं की कटाई करने के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। इस वजह से गेहूं को काटने में देरी हो रही है। मौसम के करवट बदलते ही अन्नदाता की धड़कनें बढ़ जाती हैं। रविवार की सुबह अचानक धूलभरी आंधी चलने लगी। आसमान में बादल छाने के बाद बारिश शुरू हो गई, जो कुछ समय तक हुई। बारिश होने की वजह से खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल भीग गई है।

कृषि वैज्ञानिक डॉ.शैलेंद्र सिंह ढाका ने बताया कि आंशिक रूप से कुछ जगह गेहूं भीगा है। यह दो-तीन घंटे की धूप में सूख जाएगा। आंधी से आम के पेड़ों पर लगे छोटे फल टूटकर गिर गए, जिससे कुछ हद तक नुकसान पहुंचा है। इधर, ट्रांस शारदा क्षेत्र हजारा में गेहूं फसल की कटाई-मड़ाई जोरों पर चल रही है। इसके बावजूद क्षेत्र में गेहूं सेंटर नहीं खुल सका है। ऐसे में किसान गेहूं की फसल को कम दामों में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। अब तक 40 प्रतिशत अन्नदाता अपने खेतों की कटाई कर अनाज घर ला पाए थे।

बूंदाबांदी होने से खेतों में कटे पड़े गेहूं के गट्ठर भीग गए हैं। नानक फार्म, कबीरगंज के किसान कुलविंदर सिंह चीना ने बताया कि बूंदाबांदी से गेहूं के ढेर पर भीगे हैं। इस पर गेहूं की फसल घर में फैला कर धूप से सुखाई जा रही है। रामनगर, अशोकनगर, शास्त्रीनगर, शांति नगर, श्रीनगर राघवपुरी, कंबोजनगर, मलपुरी, पंजाब फार्म, विजयनगर, नहरोसा आदि  के किसानों ने 40 प्रतिशत गेहूं की फसल निकाल कर ढेर लगा दिया है।

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