उत्तर प्रदेशलखनऊ

वेस्ट यूपी के कैराना में घर वापसी करने वालों का होगा सर्वे, सीएम के ऐलान के बाद डीएम ने दिए आदेश

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पश्चिम उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना में पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद जिला प्रशासन वहां से पलायन करने वाले परिवारों को लेकर सक्रिय हो गया है. जिला प्रशासन कानून व्यवस्था और शोषण के चलते घर छोड़ने के बाद, वापस लौटने वाले परिवारों की सूची तैयार कर रहा है. पिछले सोमवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैराना में कुछ परिवारों से मुलाकात की थी, जिन्होंने कैराना में अपने सदस्यों को खो दिया था.

दरअसल, कैराना दौरे के दौरान सीएम योगी ने वहां पर स्थानीय गुंडों के आतंक से पलायन करने वाले परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया था और अब इसके लिए जिलाधिकारी ने वापस लौटने वाले परिवारों की सूची तैयार करने का आदेश प्रशासन को दिया है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक जिलाधिकारी जसजीत कौर ने कहा है कि उन्होंने तैयारी शुरू कर दी हैं. उन लोगों की सूची तैयार की जा रही है, जिन्होंने कानून व्यवस्था की समस्या के कारण कैराना छोड़ा था और अब अपने घर वापस आ गए हैं.

इस सूची में उन लोगों को शामिल किया जाएगा जो कानून-व्यवस्था की समस्या के कारण कैराना छोड़ गए थे और जिन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा था. उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग की एक टीम ऐसे परिवारों की पहचान करेगी और स्थानीय लोगों की मदद से एक सूची तैयार करेगी. डीएम ने कहा कि किसी भी भ्रम से बचने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई सूची को स्थानीय पुलिस इकाई द्वारा सत्यापित किया जाएगा.

बीजेपी सांसद ने उठाया कैराना से हिंदुओं का पलायन

असल में, 2016 में बीजेपी के दिवंगत सांसद हुकुम सिंह ने कैराना से हिंदुओं के पलायन का मामला उठाया था. उनका दावा था कि कैराना में करीब 350 हिंदुओं को स्थानीय अपराधियों की धमकी मिली थी और इसके बाद लोगों ने घरों के बाहर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगाए थे. वहीं, अब शामली की डीएम जसजीत कौर ने कहा कि वह पूर्व सांसद हुकुम सिंह द्वारा तैयार की गई सूची और प्रशासन द्वारा की जांच रिपोर्ट का अध्ययन करेंगी और उसके बाद अंतिम सूची तैयार की जाएगी.

हिंदू व्यापारियों की रंगदारी न देने के कारण कर दी गई थी हत्या

पिछले सोमवार को ही राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैराना के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी. इन परिवारों के सदस्यों को मार दिया गया था. अपने दौरे में सीएम योगी ने कहा था कि उन्होंने जिला प्रशासन से उन परिवारों के बारे में रिपोर्ट मांगी है जिनका आर्थिक नुकसान हुआ है और जिन परिवार ने अपने करीबियों को खो दिया है. कैराना में 2014 में राजेंद्र कुमार गर्ग, उनके चचेरे भाई शिव कुमार सिंघल और विनोद कुमार सिंघल की हत्या कर दी गई थी. क्योंकि उन्होंने रंगदारी देने से मना कर दिया था.

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