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ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव: कृषि मंत्रालय ने जारी की SoP, इन बातों का रखना होगा ध्यान

केंद्र सरकार ने फसलों पर कीटनाशक (Pesticides) दवाओं के छिड़काव के लिए ड्रोन (Drone) के इस्तेमाल के बारे में मानक परिचालन प्रक्रिया (SoP) जारी कर दी है. कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने कीटनाशक छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल का एसओपी जारी करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कृषि कार्यों में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है और कुछ राज्य पहले से ही इस नई प्रौद्योगिकी की व्यवहार्यता की परख में जुटे हुए हैं.

मंत्रालय ने कहा, ‘ड्रोन का इस्तेमाल कर फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव में काफी संभावनाएं हैं. हम फसलों के वाणिज्यिकरण और अधिक सटीकता हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं.’ ड्रोन के इस्तेमाल संबंधी एसओपी में वैधानिक नियमों, उड़ान भरने की मंजूरी, निषिद्ध इलाकों का ब्योरा, वजन संबंधी वर्गीकरण, पंजीकरण, सुरक्षा बीमा, परिचालन योजना और मौसमी हालात से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है. इसके अलावा उड़ान भरने से पहले एवं बाद के हालात और आपात स्थिति में लैंडिंग से जुड़ी प्रक्रिया भी तय की गई है.

24 घंटे पहले देनी होगी स्थानीय लोगों को सूचना

हवाई छिड़काव करते समय ड्रोन ऑपरेटर सिर्फ स्वीकृत कीटनाशकों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं और उसके लिए एक निर्धारित ऊंचाई एवं मात्रा भी तय होगी. हवाई छिड़काव करने के पहले परिचालक को स्थानीय लोगों को 24 घंटे पहले इसकी सूचना भी देनी होगी. कृषि मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के ड्रोन के संचालन के लिए पायलट को विशेष प्रशिक्षण भी लेना होगा. इसके अलावा पायलट को कीटनाशक दवाओं के क्लिनिकल प्रभावों से भी परिचित होना होगा.

कृषि उद्योग से जुड़ी संस्थाओं ने किया स्वागत

इस बीच कृषि उद्योग से जुड़ी संस्था क्रॉपलाइफ इंडिया ने ड्रोन संबंधी एसओपी का स्वागत किया है. क्रॉपलाइफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अस्तित्व सेन ने कहा कि कृषि मंत्रालय, केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और नागर विमानन मंत्रालय के बीच पारदर्शी विचार-विमर्श के बाद इन दिशानिर्देशों का सामने आना गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि अब इन दिशानिर्देशों का अध्ययन करने के बाद अन्य एशियाई देशों में लागू करने पर विचार किया जाएगा.

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