खेल-खिलाड़ीताज़ा ख़बर

विराट कोहली के बयान पर BCCI ने तय किया अपना रुख, गांगुली-जय शाह की वीडियो कॉन्फ्रेंस में हुआ फैसला

भारतीय क्रिकेट में फिलहाल संकट का समय आया हुआ है. टीम के सुपरस्टार बल्लेबाज और टेस्ट कप्तान विराट कोहली और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली में से ‘कौन सच्चा, कौन झूठा’ का सवाल बोर्ड के सामने खड़ा हुआ है. विराट कोहली की कप्तानी से जुड़े फैसलों और इससे जुड़े बयानों से तूफान मचा हुआ है. साउथ अफ्रीका दौरे से ठीक पहले उठे इस बवाल ने क्रिकेट फैंस, विशेषज्ञों के साथ-साथ बोर्ड को भी चौंका दिया है और एक अहम सीरीज से टीम का ध्यान न भटके, इसको देखते हुए बीसीसीआई नेतृत्व ने फिलहाल किसी भी तरह का कदम न उठाने का फैसला किया है. बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में बात कर तय किया है कि जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाना सही नहीं होगा.

16 सितंबर को भारत की टी20 कप्तानी छोड़ने वाले विराट कोहली को उनकी इच्छा के विरुद्ध 8 दिसंबर को वनडे की कप्तानी से हटा दिया गया था. कोहली को हटाने के तरीके पर ही सवाल उठा हुआ था, क्योंकि रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि कोहली को आखिरी वक्त पर इस फैसले की जानकारी दी. इसके बाद बोर्ड अध्यक्ष गांगुली ने एक बयान में कहा कि उन्होंने कोहली को टी20 की कप्तानी छोड़ने से रोका था. बुधवार 15 दिसंबर को साउथ अफ्रीका के लिए रवाना होने से पहले कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों मुद्दों पर अपना पक्ष रखा और इसमें गांगुली के दिए बयान से अलग बात कही और यहीं से बवाल शुरू हो गया.

गांगुली-शाह और पदाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस

कोहली के बयान के बाद से ही इस बात का इंतजार था कि बीसीसीआई  ओर से क्या प्रतिक्रिया आएगी. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को जो हुआ उससे बीसीसीआई में कोई भी खुश नहीं है लेकिन वे समझते हैं कि मामले के तुरंत हल के लिए उनकी कोई भी कड़ी प्रतिक्रिया नुकसानदेह हो सकती है. जानकारी के मुताबिक, गांगुली और सचिव जय शाह सहित बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बुधवार को ‘जूम कॉल’ पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की, जहां सामूहिक रूप से फैसला किया गया कि बोर्ड कोई भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं करेगा और ना ही प्रेस रिलीज जारी करेगा.

विराट के बयान के बाद गुरुवार को बोर्ड अध्यक्ष गांगुली इस मामले पर किसी भी टिप्पणी से बचते रहे. उन्होंने मीडियो को दिए जवाब में सिर्फ इतना कहा कि बोर्ड इससे निपटेगा. गांगुली ने मीडिया से कहा, “कोई बयान नहीं, कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं. हम इससे निपट लेंगे, इसे बीसीसीआई पर छोड़ दीजिए.”

BCCI ने ली विशेषज्ञ सलाह

रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड ने किसी तरह का कदम उठाने को लेकर इस मामले में विशेषज्ञों से सलाह भी ली. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एजेंसी को बताया, “विशेषज्ञ का नजरिया जाना गया कि इस संवेदनशील मामले से कैसे निपटा जाए क्योंकि इससे अध्यक्ष के कार्यालय का सम्मान जुड़ा है. बीसीसीआई को पता है कि टेस्ट सीरीज होने वाली है और जल्दबाजी में लिया गया उनका कोई फैसला या बयान टीम का मनोबल प्रभावित कर सकता है.”

हालांकि, इस मामले को सुलझाने के लिए आदर्श स्थिति यही है कि कप्तान और अध्यक्ष एकसाथ मिल- बैठकर सौहार्दपूर्ण तरीके से मतभेद या संवादहीनता का हल निकालें. फिलहाल गांगुली या शाह के कप्तान से बात करने की संभावना कम है.

क्या कोहली ने किया नियम का उल्लंघन?

बोर्ड के सामने एक सवाल ये भी रहेगा कि क्या कोहली ने अपने बयान से किसी तरह के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है? सामान्य तौर पर केंद्रीय अनुबंध खिलाड़ी से संस्था या पदाधिकारियों के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जाती. कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी ओर से कोई बयान जारी नहीं किया, बल्कि पत्रकारों के सवाल पर अपना जवाब दिया. क्या इस जवाब से नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं, यह अहम सवाल है इसलिए इस समस्या का कोई आसान हल नहीं होने वाला.

Related Articles

Back to top button