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अब बांग्लादेश के सबमरीन बेस पर चीन की नजर, भारत को समंदर के रास्ते घेरने की फिराक में ड्रैगन

चीन ने पाकिस्तान के बाद अब भारत के एक और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश को भी अपने जाल में फंसा लिया है. भारतीय इंटेलिजेंस को मिल रहे इनपुट के मुताबिक चीन बांग्लादेश के शेख हसीना सबमरीन बेस को विकसित कर रहा है जिसका इस्तेमाल वो अपने लिए भी करेगा. जानकारी के मुताबिक़ चीन को पहले इस बेस को बांग्लादेश को विकसित करके देना था लेकिन अब चीन इसे धीरे-धीरे अपने कब्जे में लेता जा रहा है. इंटेलिजेंस एजेंसी को मिल रही जानकारी के मुताबिक़ चीन के 230 से ज़्यादा एक्सपर्ट बांग्लादेश के शेख हसीना सबमरीन बेस पर प्रेजेक्ट के लिए अगले महीने पहुंच रहे हैं. ये दौरा 31 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच प्रस्तावित है. जानकारी के मुताबिक़ कुछ एक्सपर्ट्स वहां से वापस चले जाएंगे लेकिन कुछ लंबे समय के लिए इस बेस पर रहकर ही सारा कंट्रोल अपने हांथ में ले लेंगे. यानी इसका सारा कंट्रोल चीन के पास रहेगा.

दोनों देशों के बीच डिफेंस डेलिगेशन विज़िट भी बढ़ी

दरसल 2017 को सबमरीन बेस के निर्माण की आधारशिला रखी गई थी. जानकारों की मानें तो चीन इस सबमरीन बेस को तैयार करने में बांग्लादेश की मदद कर रहा है. दोनों देशों के बीच डिफेंस डेलिगेशन विज़िट भी पिछले कुछ सालों में बढ़ी है.mचीन बांग्लादेश को टैंक, फाइटर जेट, सबमरीन, जंगी जहाज़ और एयर डिफेंस सिस्टम के साथ अन्य सैन्य उपकरण दे रहा है. बांग्लादेशी नौसेना में दो डीज़ल अटैक सबमरीन मार्च 2016 में शामिल की जा चुकी हैं. वही 6 जंगी जहाज़ जिसमें दो एंटी सर्फेस एंटी सबमरीन पेट्रोलिंग बोट शामिल हैं. बांग्लादेश को दी है.

पिछले साल ही चीन ने टाइप 053H जियांगवई क्लास की 2 गईडेड मिसाइल फ्रीगेट बांग्लादेश के दी है. इससे पहले दो गईडेड मिसाइल फ्रीगेट दे चुका है जो कि 2014 से लगातार सेवा में है. चीनी नौसेना से डीकमिशन हो चुकी 2 फ्रीगेट का सौदा साल 2018 में दोनों देशों के बीच हुआ था. बांग्लादेश की नौसेना में 4 स्टील्थ गाइडेड मिसाइल कोर्वेट शामिल हैं. वही 2 सेमि स्टिल्थ लार्ज पेट्रोल क्राफ़्ट के अलावा चीन की मदद से खुलना शिपयार्ड में बने दुर्गम क्लास के दो सेमि स्टिल्थ लार्ज पेट्रोल क्राफ़्ट शामिल हैं. 4 चीनी मिसाइल बोट भी बांग्लादेश की नौसेना में अपनी सेवाएं दे रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन लगातार बांग्लादेश को ना सिर्फ़ अपना बेस तैयार करने के नाम पर कब्जा रहा है बल्कि चीन बांग्लादेश को हथियार देकर अपने कर्ज के जाल में भी फंसा रहा है.

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