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क्विंटन डिकॉक ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, सेंचुरियन में हार के बाद बड़ा फैसला

सेंचुरियन टेस्ट में हार के बाद साउथ अफ्रीकी टीम को एक और बड़ा झटका लगा है. साउथ अफ्रीकी विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. डिकॉक का ये फैसला बेहद हैरान करने वाला है क्योंकि उनकी उम्र महज 29 साल है और उन्होंने बहुत ही जल्दी क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट को छोड़ने का फैसला किया. डिकॉक ने साउथ अफ्रीका के लिए 54 टेस्ट में 3300 रन बनाए और उनका बल्लेबाजी औसत 38.83 रहा. डिकॉक के बल्ले से 6 टेस्ट शतक और 22 अर्धशतक निकले.

बता दें सेंचुरियन टेस्ट में साउथ अफ्रीका के इस विकेटकीपक का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. डिकॉक ने पहली पारी में 34 रनों की पारी खेली और दूसरी पारी में वो 21 रन ही बना सके. दोनों पारियों में डिकॉक बोल्ड हुए. डिकॉक की असफलता का असर साउथ अफ्रीकी टीम पर भी पड़ा. साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया से पहला टेस्ट 113 रनों से गंवाया. बता दें साउथ अफ्रीकी टीम ने पहली बार किसी एशियाई टीम से सेंचुरियन में टेस्ट गंवाया. वहीं इस मैदान पर ये साउथ अफ्रीकी टीम की सिर्फ दूसरी हार है.

डिकॉक ने क्यों लिया संन्यास?

बता दें क्विंटन डिकॉक भारत के खिलाफ दूसरा और तीसरा टेस्ट मैच नहीं खेलने वाले थे. दरअसल उनकी पत्नी साशा गर्भवती हैं और इसीलिए डिकॉक ने पितृत्व अवकाश लिया था लेकिन सेंचुरियन टेस्ट खत्म होते ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर सभी को चौंका दिया. महज 29 साल के डिकॉक अगले 7-8 सालों तक टेस्ट क्रिकेट खेल सकते थे लेकिन उन्होंने इस फैसले की वजह भी फैंस के साथ साझा की.

डिकॉक ने टेस्ट संन्यास के बाद अपना बयान जारी करते हुए कहा कि ये फैसला उनके लिए बेहद मुश्किल था. हालांकि वो वनडे और टी20 क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे. डिकॉक ने लिखा, ‘ये फैसला मेरे लिए कतई आसान नहीं था. मैंने अपने भविष्य के बारे में काफी सोचा और अब मेरी प्राथमिकता साशा और मेरा आने वाला बच्चा है. मेरा परिवार मेरे लिए सबकुछ है और मैं अपनी जिंदगी के नए अध्याय में अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं.’

डिकॉक का टेस्ट करियर

क्विंटन डिकॉक ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज जैसी टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंग्लैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका और वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट शतक लगाया. हालांकि भारत के खिलाफ वो 7 टेस्ट में सिर्फ 20.14 की औसत से 282 रन ही बना सके. भारत के खिलाफ टेस्ट में वो सबसे ज्यादा 3 बार शून्य पर आउट हुए.

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