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32 किसान संगठनों ने विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का किया फैसला, कहा- किसी राजनीतिक दल का नहीं करेंगे समर्थन

पंजाब के 32 किसान संगठनों ने शनिवार को कहा कि वो राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे या चुनाव में भाग नहीं लेंगे. ये किसान संगठन केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल थे. लुधियाना से करीब 20 किलोमीटर दूर मुल्लांपुर दाखा में एक संयुक्त बैठक में चुनाव में किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करने या चुनाव में भाग नहीं लेने फैसला लिया गया.

वहीं उन्होंने राजनीतिक संगठन बनाने और पंजाब चुनाव लड़ने के हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी के फैसले को व्यक्तिगत फैसला करार दिया. उन्होंने कहा कि पंजाब के सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने किसानों के सभी प्रकार के कर्जों को माफ करने और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लेने का वादा किया था, लेकिन अबतक सरकार ने कोई शुरुआत नहीं की है. किसान संगठन इन दोनों मांगों से कम स्वीकार नहीं करेंगे.

गुरनाम सिंह चढूनी ने ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ का किया गठन

बैठक में पारित प्रस्ताव में मांग की गई कि कृषि क्षेत्र को दिन के समय बिजली उपलब्ध कराई जाए ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो. इससे पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शनिवार को ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ का गठन किया और कहा कि पार्टी अगले साल पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने राज्य में अफीम की खेती किए जाने की वकालत की. चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के सदस्य हैं, जो 40 किसान संघों का संगठन है. एसकेएम ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले किसानों के आंदोलन का नेतृत्व किया. बाद में इन कानूनों को निरस्त कर दिया गया.

पंजाब में 117 सीटों पर अगले साल होंगे चुनाव

पंजाब में 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रदेश में होने वाले चुनाव को देखते हुए सभी दलों ने कमर कस ली है. सभी दलों की ओर से मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए अभी से ही तरह-तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं और ताबड़तोड़ रैलियां की जा रही है. इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का ऐलान किया था. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने नवंबर में अपनी अलग पार्टी का ऐलान किया था.

2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था और एक दशक के बाद शिरोमणि अकाली दल -बीजेपी सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया था. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, क्योंकि उसने कुल सीटों में से 20 पर जीत हासिल की थी.

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