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बॉर्डर से किसानों को जबरन हटाया तो सरकारी दफ्तरों को बना देंगे गल्ला मंडी: टिकैत

कृषि कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर के रास्ते खोल दिए है ताकि आवागमन शुरू हो। ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर किसानों को बॉर्डरों से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देशभर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे। दरअसल हाल ही में दिल्ली पुलिस ने टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर लगाये गए बैरिकेड्स हटा दिए है ताकि लोगों को लंबा रास्ता तय न करना पड़े और आवागमन सुचारू रूप से चल सके। हालांकि, किसानों में इस बात की आशंका है कि किसानों को हटाने की यह एक बड़ी साजिश है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि, टिकरी बॉर्डर पर जितना रास्ता अब खोला गया है उतना रास्ता हमारे बॉर्डर पर पहले से ही खुला है। वहीं गल्ला मंडी बंद ही रही है, तो अब सरकारी दफ्तरों में ही किसानों को दाम ठीक मिलेंगे। राकेश टिकैत ने कहा, जब किसान को फसलों के दाम ठीक नहीं मिलेंगे तो फसल बेचने के लिए सरकारी दफ्तर ही बढ़िया स्थान है। सरकार हमसे बातचीत कर और इन कानूनों को वापस ले।

इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बयान जारी हुआ कि, अगर सरकार पूरी तरह से मार्ग खोलना चाहती है, तो उसे किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए भी रास्ता खोलना होगा। किसान आंदोलन उसी स्थान पर जारी रहेगा या दिल्ली में कहां चलेगा ? यह एक सामूहिक निर्णय है जो उचित समय पर लिया जाएगा। हालांकि इससे पहले सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी वातार्एं बेनतीजा रही हैं। बीते 11 महीनों से कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी है और किसान केंद्र से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

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