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गुरु पर्व के मौके पर भी नहीं खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर, अटारी बाघा से पाकिस्तान जा सकेगा 1500 श्रद्धालुओं का जत्था

गुरु पर्व के मौके पर भी करतारपुर कॉरिडोर को नहीं खोलने का फैसला लिया गया है. इसी के साथ बताया जा रहा है कि 1500 श्रद्धालुओं का जत्था अटारी वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान जा सकेगा. जानकारी के मुताबिक 17 से 26 नवंबर के बीच लैंड बॉर्डर यानी अटारी वाघा से 1500 श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान जा सकेगा.

दरअसल पिछले साल मार्च में कोविड कारण के चलते करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद पिछले काफी समय से इसे खोलने की मांग की जा रही थी. हालांकि सरकार ने इसे फिलहाल बंद रखने का ही फैसला लिया है. हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से करतापुर कॉरिडोर को खोलने की अपील की थी.

सरकार के इस फैसले के बार में जानकारी देते हुए बताया गया है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले साल मार्च में करतारपुर कॉरिडोर से आवाजाही को निलंबित कर दिया गया था. उसके बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच यात्रा अटारी वाघा से सीमित पैमाने पर की जा रही है. कोई भी पक्ष अपने मौजूदा नियमों और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करता है.

17 से 26 नवंबर तक पाकिस्तान के इन गुरुद्वारों की यात्रा करेंगे 1500 तीर्थयात्री

गुरुपर्व के महत्व और उससे जुड़ी भावनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि लगभग 1500 तीर्थयात्रियों का एक जत्था अटारी-वाघा आईसीपी के माध्यम से 17-26 नवंबर, 2021 तक पाकिस्तान का दौरा करेगा. यह यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच ‘धार्मिक तीर्थों की यात्रा’ पर 1974 के द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत कवर की गई है. इस दौरान तीर्थयात्रियों का गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब, गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब, गुरुद्वारा श्री देहरा साहिब, गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब, गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब और गुरुद्वारा श्री सच्चा सौदा जाने का कार्यक्रम है.

पाकिस्तान ने भी की थी करतारपुर कॉरिडोर खोलने की अपील

इससे पहले पाकिस्तान ने भी भारत से अपनी तरफ से करतारपुर गलियारा फिर से खोलने और गुरु नानक देव की जयंती पर आयोजित समारोहों के लिए सिख तीर्थयात्रियों को पवित्र स्थल जाने की अनुमति देने का मंगलवार को आग्रह किया था. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा था, ‘’भारत ने अभी तक अपनी तरफ से गलियारा नहीं खोला है और तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब की यात्रा की अनुमति नहीं दी है. गुरु नानक देव की जयंती पर 17 से 26 नवंबर तक आयोजित समारोह के लिए हम भारत और दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं की मेजबानी के लिए उत्सुक हैं.”

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