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कोरोना और ओमीक्रोन के बढ़ते मामले, BJP फिर ई-रैलियाें के लिए तैयार

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के लिए सभी राजनीतिक दलों से चुनाव आयोग ने मुलाकात कर चुनाव पर सलाह मांगी थी. सभी पार्टियों ने समय पर चुनाव कराने की सलाह दी, वहीं राजनीतिक पार्टियां इस अंदेशे से भी भली-भांति परिचित हैं कि ओमीक्रोन और कोरोना के मामले जिस बेतहाशा रफ्तार से बढ़ रहे हैं यदि यही रफ्तार रही तो रैलियों पर ब्रेक लग सकता है. इसी के मद्देनजर भाजपा ने ई-प्रचार का पूरा लेखा-जोखा तैयार कर लिया है.

बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा ई-रैलियां की थीं. टेक्नोलॉजी के माध्यम से की गईं रैलियों से भारतीय जनता पार्टी ज्यादा से ज्यादा वोटरों के नजदीक पहुंचने में सफल रही थी. उसी सफलता से उत्साहित पार्टी ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के लिए भी यह तैयारियां शुरू कर दी हैं.

बड़ी सभाओं के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी छोटी रैलियों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. इन रैलियों में डिजिटल कैंपेन के जरिए भी वोटर्स तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी. इन डिजिटल कैंपेन को बनाने की तैयारी बड़े स्तर पर शुरू कर दी गई है. 1000 से लेकर 50000 लोगों तक की रैली की तैयारी पार्टी की तरफ से की जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री से लेकर छोटे नेताओं तक की रैलियां शामिल की जा सकती हैं.

35 हजार कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण

पार्टी सूत्रों की मानें तो इस तैयारी में पार्टी मुख्यालय से लेकर राज्यों के प्रदेश मुख्यालय और जिला मुख्यालय तक के ऑनलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए भाजपा ने 35000 से भी ज्यादा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है. प्रदेश से लेकर जिलों में होने वाली वर्चुअल रैली और वर्चुअल कार्यकर्ता सम्मेलनों की तैयारी और साथ ही वेबीनार, बैठक की रैली के लिए पार्टी की तरफ से नए सॉफ्टवेयर भी तैयार किए जा रहे हैं.

डोर-टू-डोर कैंपेन

नाम ना लेने की शर्त पर भाजपा के आईटी सेल के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी बड़े पैमाने पर डिजिटल प्लेटफार्म की तैयारी कर रही है. यदि कोरोना की स्थिति खराब होती है तो डोर-टू-डोर कैंपेन के साथ-साथ इस वृहद डिजिटल कैंपेन को भी पार्टी लॉन्च कर देगी. इसके माध्यम से वोट बैंक से जोड़ने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश की जाएगी.

पार्टी पदाधिकारी का कहना है कि पन्ना प्रमुख के साथ आवास प्रमुख का भी नया फार्मूला तैयार किया है जो बंगाल चुनाव से या किसी चुनाव से अलग होगा. इसके तहत सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ राज्य के नेताओं और पदाधिकारियों को डोर टू डोर भी जनता से संपर्क साधने को भेजा जा सकता है. नेता और पदाधिकारियों के साथ साथ कम से कम नेताओं की संख्या तय की जाएगी ताकि कोरोना के प्रोटोकाल का उल्लंघन भी ना हो.

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