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साल में 100 सालों की तुलना में राज्य में पहुंचेंगे अधिक पर्यटक’, बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी ने केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की. पीएम मोदी ने यहां पर आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण भी किया. वहीं, पीएम मोदी ने यहां पर लोगों को संबोधित किया और कहा कि अगला दशक उत्तराखंड का होने वाला है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह विकास कार्यों के जरिए उत्तराखंड का विकास हो रहा है और यहां पर पर्यटन उद्योग अच्छी तरह से फलेगा-फुलेगा.

पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी लोग आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं. ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है. गौरतलब है कि जब 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ आई थी, तो उस दौरान आदि शंकराचार्य की समाधि बह गई थी. उन्होंने कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं.

अगला दशक उत्तराखंड का होगा: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कहावत है कि पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी कभी भी पहाड़ के काम नहीं आती है. मगर अब पहाड़ का पानी भी इसके काम आएगा और पहाड़ की जवानी भी इसके काम आएगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से पलायन को रोकना है. आने वाला अगला दशक उत्तराखंड का है. पीएम मोदी ने कहा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चार धामों को सड़क से जोड़ा गया है. इसके अलावा, हेमकुंड साहिब के पास रोपवे सहित कई बुनियादी ढांचागत कार्यों की योजना बनाई गई है. अगले 10 सालों में, राज्य में पिछले 100 सालों की तुलना में अधिक पर्यटक आएंगे.

केदारनाथ के विकास कार्यों पर नजर रखते हैं पीएम मोदी

लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने पवित्र मठों की स्थापना की. उन्होंने चार धामों की स्थापना की और द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पुनर्जागरण का काम किया. पीएम ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने सबकुछ त्याग दिया. उन्होंने देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा को खड़ा किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह केदारनाथ में होने वाले विकास कार्यों पर खुद नजर रखते हैं. केरल में जन्मे आदि शंकराचार्य 8वीं शताब्दी के भारतीय आध्यात्मिक नेता और दार्शनिक थे. उन्होंने अद्वैत वेदांत के सिद्धांत को समेकित किया और पूरे भारत में चार मठ (मठवासी संस्थान) स्थापित करके हिंदू धर्म को एकजुट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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