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कोविड-19 से लड़ाई अंतिम चरण में, ढील न बरतें राज्य

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी वयस्कों को ‘हर घर दस्तक’ अभियान के दौरान कोविड टीके की पहली खुराक मिले। उन्होंने कहा कि 12 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक लगनी है। उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पूरी वयस्क आबादी को ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत पहली खुराक दी जाए।

मांडविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ डिजिटल तरीके से हुई बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा, ‘टीकाकरण के दो हथियार और सीएबी (कोविड-19-उपयुक्त व्यवहार) इसके खिलाफ हमारी सबसे बड़ी रक्षा होगी और हमें इसे पूरी तरह खत्म होने से पहले अपने सुरक्षा उपायों को कम नहीं करना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि वर्तमान में 79 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है और 38 प्रतिशत को दूसरी खुराक भी मिल चुकी है। उन्होंने कहा, ‘बहु-हितधारकों के प्रयास हैं कि देश में कोई भी पात्र नागरिक कोविड-19 टीके के ‘सुरक्षा कवच’ के बिना न रहे। आइए, हम देशभर के कोने-कोने तक पहुंचें और लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करें।’

विदेश से आने वाले बच्चों को कोविड जांच से छूट

विदेशों से आने वालों के लिए बृहस्पतिवार को जारी संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आगमन-पूर्व या आगमन-बाद कोविड-19 जांच से छूट होगी। हालांकि, दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि आगमन पर या घर पर पृथकवास की अवधि के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर उन्हे जांच करानी होगी और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उनका इलाज होगा। मंत्रालय ने कहा, ‘पांच साल से कम आयु के बच्चों को आगमन-पूर्व और आगमन-बाद जांच, दोनों से छूट दी गई है।

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