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झारखंड में 500 मेगावाट का पावर प्लांट बंद! गहरा सकता है बिजली संकट

बोकारो: 500 मेगावाट के पावर प्लांट को डीवीसी मुख्यालय कोलकाता के निर्देश पर रविवार को स्थानीय प्रबंधन ने पूर्वाह्न लगभग 10:30 बजे बंद कर दिया. पावर प्लांट को जिस समय बंद किया गया, उस समय प्लांट से 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था.

इस कार्रवाई की जानकारी दामोदर बचाओ आंदोलन के केंद्रीय अध्यक्ष सरयू राय ने दी है. वहीं, दूसरी तरफ मामले में बोकारो डीवीसी प्लांट गोमियो के प्रोजेक्ट हेड एनके चौधरी ने कहा कि तकनीकी कारणों से प्लांट में तात्कालिक ब्रेक डाउन है. जल्द ही प्लांट में बिजली उत्पादन का काम शुरू हो जाएगा.

सरयू राय ने राज्य प्रदूषण बोर्ड से की थी शिकायतः आरोप है कि पिछले चार दिनों से बोकारो स्थित डीवीसी के पावर प्लांट से स्थानीय कोनार नदी में छाई बहाया जा रहा था. इस बात की जानकारी मिलने पर दामोदर बचाओ आंदोलन के केंद्रीय अध्यक्ष सरयू राय ने राज्य प्रदूषण बोर्ड और झारखंड के मुख्य सचिव और अन्य वरीय अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की थी.

जिसके बाद रविवार को बोकारो जिला और बेरमो अनुमंडल के प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई की बात कही थी. जिसे देखते हुए रविवार की सुबह पावर प्लांट बंद कर दिया गया.

कोनार नदी में छाई बहाव पर नहीं लग सका रोकः पावर प्लांट से कोनार नदी में छाई के बहाव पर रोक को लेकर शनिवार की सारी रात प्रबंधन की देखरेख में कामगारों ने कार्य किया, बावजूद इस पर रोक नहीं लगाया जा सका. राज्य प्रदूषण बोर्ड के धनबाद स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के पदाधिकारियों की टीम भी बोकारो थर्मल पावर स्टेशन में शनिवार से कैंप कर रही है.

डीवीसी के वरीय अधिकारियों की टीम सोमवार को पहुंचेगी रांचीः वहीं इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए विधायक सह आंदोलन के केंद्रीय अध्यक्ष सरयू राय ने बताया कि डीवीसी कोलकाता के वरीय पदाधिकारियों की टीम सोमवार को रांची पहुंचेगी और वर्तमान हालात को देखते हुए समस्या के निराकरण की दिशा में वार्ता करेगी.

बताते चलें कि मामले का निराकरण यदि जल्द नहीं निकाला गया तो झारखंड में बिजली संकट गहरा सकता है.

गिरिडीह सांसद ने कोर्ट जाने की कही बातः वहीं इस मामले में गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि बोकारो थर्मल और चन्द्रपुरा थर्मल सीधे छाई नदी में बहा देता है. इस कारण क्षेत्र के ग्रामीण नदी का पानी पीकर बीमार हो रहे हैं.

साथ ही किसानों की खेती भी बर्बाद हो रही है. डीवीसी अधिकारी की मनमानी के कारण कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. हमने इस मामले को लेकर डीवीसी अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है, बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. इस मामले को लेकर हम लोग कोर्ट जाएंगे. इसकी तैयारी की जा रही है.

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