ताज़ा ख़बरमनोरंजन

कंगना रनौत के विवादित ट्वीट्स के खिलाफ याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार, मुंबई पुलिस को दी जांच की अनुमति

मशहूर बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत का विवादों के साथ चोली-दामन का साथ है. वो अक्सर किसी न किसी बयान को लेकर सुर्खियों में ही रहती हैं. आए दिन वो कोई न कोई ऐसी बात करती हैं जिससे वो चर्चा में आ जाती हैं, लेकिन इन दिनों उनकी बयानबाजी से काफी लोग आहत भी होने लगे हैं. हालांकि, उन्हें इन सब बातों से कोई खास फर्क पड़ता कभी नजर नहीं आता. वो बेबाक तौर पर अपनी बात लोगों के सामने रख देती हैं. अब खबर ये आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत के सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी सेंसरशिप और सिख समुदाय के खिलाफ उनके बयानों के लिए उनके खिलाफ एफआईआर को क्लब करने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, अदालत मुंबई पुलिस को मामले में अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दे रही है.

जनहित याचिका पर विचार करने से SC ने किया इनकार

देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अभिनेत्री के जरिए भविष्य में किए गए पोस्ट पर सेंसरशिप की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. अधिवक्ता चरणजीत सिंह चंद्रपाल के जरिए दायर याचिका में किसानों के विरोध पर उनकी टिप्पणी के लिए पूरे भारत में दर्ज सभी प्राथमिकी को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने का निर्देश देने की मांग की गई. उन्होंने छह महीने के पीरियड में चार्जशीट दाखिल करने के साथ-साथ दो साल के पीरियड के भीतर जल्द से जल्द सुनवाई की भी मांग की थी.

दंगा भड़काने के उद्देश्य से की गई थी टिप्पणी!

अधिवक्ता ने कहा कि कंगना रनौत की टिप्पणी और सोशल मीडिया पोस्ट ‘न केवल अपमानजनक और ईशनिंदा’ थे, बल्कि दावा किया कि अभिनेत्री का इरादा ‘दंगा करने का भी’ था. “टिप्पणी न केवल अपमानजनक और ईशनिंदा है, बल्कि दंगा भड़काने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने का भी इरादा है, वो मानहानि करने वाले हैं और साथ ही सिखों को पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी तरीके से चित्रित करते हैं. ये सिखों की निर्दोष हत्या को भी सही ठहराता है. टिप्पणी पूरी तरह से खिलाफ है हमारे देश और अभिनेत्री की एकता कानून में गंभीर सजा की हकदार है. उन्हें खारिज नहीं किया जा सकता है या माफ नहीं किया जा सकता है.”

दायर याचिका में कहा गया है कि अदालत को केंद्रीय गृह मंत्रालय और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया को रनौत के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिबंध और प्रीवेंटिव मेजर्स करने का निर्देश देना जरूरी था.

Related Articles

Back to top button