मिलकर चुनाव लड़ेंगे अखिलेश और चाचा शिवपाल
- पांच साल बाद एक बार फिर साथ मिलकर चुनाव
- 15 से 20 शिवपाल समर्थकों को मिल सकता है टिकट
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बृहस्पतिवार शाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के घर पहुंचे। दोनों में करीब 30 मिनट बातचीत हुई। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। लिखा कि गठबंधन पर बातचीत हुई। हालांकि प्रसपा अध्यक्ष विलय के मुद्दे पर भी राजी हैं। सपा और प्रसपा के साथ-साथ रहने को लेकर लंबे समय से संकेत मिल रहे थे। दो दिन से शिवपाल सिंह यादव राजधानी में ही हैं। इस बीच दोनों के बीच मुलाकात तय हुई। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि तय हुआ था कि बृहस्पतिवार दोपहर दो बजे शिवपाल सिंह यादव के आवास पर दोनों एक टेबल पर बैठकर खाना खाएंगे। इसी दौरान गठबंधन या विलय पर विस्तार से बातचीत हुई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी कार्यलय में व्यवस्त रहे तो शिवपाल सिंह यादव अपने कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक किए। इस बैठक में शिवपाल सिंह यादव ने विलय का प्रस्ताव रखा। सहमति होने पर वे अपने आवास के लिए निकल गए।
शाम करीब चार बजे के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके आवास पर पहुंचे। दोनों ने साथ-साथ नाश्ता किया। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात हुई और गठबंधन पर बात तय हुई है। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है। फिलहाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन की बात कही है लेकिन शिवपाल सिंह यादव विलय के लिए भी तैयार हैं। अभी सीट बंटवारे को लेकर खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन दोनों पार्टियों में दखल रखने वालों का कहना है कि साइकिल चुनाव चिन्ह पर शिवपाल सिंह यादव के खास 15 से 20 लोग चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इस पर आपसी सहमति हो चुकी है।
शिवपाल अखिलेश संग चुनाव लड़ने की कर चुके हैं पेशकश
यूपी विधानसभा के पिछले चुनाव के समय से ही अखिलेश और शिवपाल के रिश्तों में आई तल्खी का दौर जारी था। हालांकि शिवपाल ने आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होने पर पांच साल पुरानी तल्खी को दूर करने की शुरुआती पहल करते हुए अखिलेश से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। उन्होंने सपा में प्रसपा के विलय का विकल्प भी खुला रखते हुये कहा था कि अखिलेश को ही आगे की रणनीति के लिये कोई पहल करनी होगी। पिछले कुछ समय से अखिलेश भी शिवपाल की पहल पर सकारात्मक टिप्पणी करते हुये समय आने पर उनसे बात करने की बात कह रहे थे। गौरतलब है कि 2017 में विधानसभा से पहले अखिलेश द्वारा सपा से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद शिवपाल ने प्रसपा का गठन कर चुनाव लड़ा था। इसका सीधा असर सपा के परांपरागत वोटबैंक में बंटवारे के रूप में पड़ा था।
किसानों को नहीं मिल रहा न्याय
अखिलेश यादव इन दिनों प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विजय रथ यात्रा निकाल रहे हैं। बुधवार को जौनपुर में उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में जनता को धोखा दिया है। सरकार के दावे और विज्ञापन झूठे हैं। सूचना मिल रही है कि तीन महीने में डीजल और पेट्रोल कंपनियों को 600 गुना फायदा हुआ है। अखिलेश यादव ने कहा कि उम्मीद है कि आने वाले समय में परिवर्तन होगा और खुशहाली आएगी। लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि नहीं लगता है कि पूरी दुनिया में कहीं किसानों को कुचल दिया गया हो। कहा कि किसानों को न्याय नहीं मिल रहा है।