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अखिलेश यादव का BJP पर तंज- ‘जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई’

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को मेरठ के दबथुआ गांव में आयोजित रैली में भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के पास मुद्दे नहीं बचे हैं और इसीलिए वह अब लोगों के बीच खाई पैदा करने का काम कर रही है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई.’ इस दौरान उन्होंने और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सपा-रालोद के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा की. इस मौके पर चौधरी ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी ‘डबल इंजन’ की सरकार सबसे पहले ‘शहीद’ किसानों का स्मारक बनवाएगी.

अखिलेश ने रैली में जमा भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, ”इस समय का उत्साह बता रहा है कि वर्ष 2022 में बदलाव होगा. यहां के किसानों और युवाओं ने मिलकर भाजपा को भगाने का फैसला लिया कर लिया है.” किसानों आंदोलन की पृष्ठभूमि में, गठबंधन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर देने की उम्मीद है. भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र की 136 विधानसभा सीट में से 109 सीट जीती थीं.

सपा प्रमुख ने कहा, ”उनका गठबंधन चाहता है कि किसानों को उनका हक मिले और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर ठोस फैसला हो. लेकिन भाजपा किसानों के हक में फैसला नहीं करना चाहती है.” अखिलेश ने दावा किया कि गठबंधन, किसानों को उनका हक दिलाएगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”भाजपा के मंत्री और समर्थकों ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया है. मान छीना है, भाजपा को जाना होगा.” सपा प्रमुख ने कहा, ”भाजपा सरकार ने हवाई जहाज बेच दिए, एयरपोर्ट बेच दिए, रेलवे स्टेशन बेच दिए. हवाई चप्पल वाले को हवाई जहाज में बैठाने का क्या हुआ. आज मोटरसाइकिल चलाना भी मुश्किल हो गया है. लेकिन भाईचारे को मजबूत करने लिए रालोद-सपा के कार्यकर्ता खड़े हैं.”

भाजपा के पास मुद्दे नहीं हैं- अखिलेश

अखिलेश ने कहा, ”भाजपा के पास मुद्दे नहीं हैं. वे बस हमारे बीच खाई पैदा करते हैं.” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ”जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई.” उन्होंने लोगों से कहा कि वे चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत सिंह की विरासत को बचाने के लिए एकजुट होकर मतदान करें. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के शासन में, लोगों को महामारी के दौरान खाद और दवा, ऑक्सीजन तथा बिस्तरों के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान भी लोगों को लाइन में खड़ा होना पड़ा था.

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