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अमेरिका के लिए बड़ी मुसीबत बना ओमिक्रॉन वेरिएंट, कोविड-19 के 2.65 लाख से ज्यादा नए मामले आए सामने

अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और प्रतिदिन औसतन 265,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. यह वृद्धि वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के कारण हो रही है. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़े के मुताबिक, पिछले दो हफ्ते में दौनिक मामलों में दोगुने से अधिक का इजाफा हुआ है.

कोविड-19 (Covid-19) के तेजी से फैलने वाले नए वेरिएंट ने क्रिसमस (Christmas) और नए साल के जश्न पर पानी फेर दिया है जिसके कारण लोगों को जश्न की अपनी योजनाएं टालनी पड़ी और वे घरों में रहने के लिए मजबूर हैं. जबकि कुछ सप्ताह पहले तक ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अमेरिकी सामान्य दिनों की तरह इन छुट्टियों के मौसम का आनंद लेने वाले हैं. कर्मचारियों की कमी के बीच वायरस के संक्रमण के कारण हजारों उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं.

अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची ने बुधवार को कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) करा चुके लोगों को परिवार और दोस्तों के बीच छोटे घरेलू समारोहों को रद्द करने की कोई जरूरत नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रिएसस के अनुसार दुनिया भर में विशेष रूप से यूरोप में तस्वीर कहीं और गंभीर है.

अमेरिका में मौत के मामलों में भी हुई बढ़ोतरी

उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के साथ अब ओमीक्रोन के कारण वह मामलों की सुनामी को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा, ‘यह थके हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों और स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी दबाव डालेगा.’ अमेरिका में कोविड-19 से मौत के मामले पिछले दो हफ्तों में औसतन 1,200 प्रतिदिन से बढ़कर लगभग 1,500 हो गए हैं.

गौरतलब है कि यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सप्ताह तक अमेरिका में ओमिक्रॉन के 58 प्रतिशत मामले थे. जबकि डेल्टा के 41 फीसदी केस थे. आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में इस समय 70 हजार मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. ओमिक्रॉन के कारण अमेरिका में केस बढ़ रहे हैं. वहीं, एस रिसर्च में कहा गया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से शरीर में जो इम्यूनिटी बन रही है वह डेल्टा के प्रभाव को कम कर रही है. इस स्थिति में डेल्टा वेरिएंट से इंफेक्शन होने की आशंका कम रहेगी. अगर ओमिक्रॉन इसी प्रकार से हल्के लक्षणों वाला ही रहा, तो जो लोग इससे संक्रमित होंगे उनको ज्यादा खतरा नहीं रहेगा.

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