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बहराइच: प्राथमिक विद्यालय में किसान नेता की दबंगई, शिक्षक को पीटा, जानें मामला

हमारा विशेषक्षेत्रीय समर्थन आदरणीय और प्रतिष्ठित किसान नेता भानू के नेतृत्व में उनके साथी शिक्षकों के साथ प्राथमिक विद्यालय को घेरने और शिक्षक प्रमोद कुमार को पीटने के मामले के बारे में सुनकर हम सब चौंक गए। इस मामले ने न केवल स्थानीय समाचार मीडिया को हलचल में डाल दिया है, बल्कि शिक्षा और कृषि सेक्टर के बीच आत्मा-संतुष्टि और समाज में दबंगई की चिंता को भी उजागर किया है।

बहराइच जिले के प्राथमिक विद्यालय विराहिमपुर बिल्हौरा में हुई घटना के मुताबिक, शुक्रवार सुबह किसान नेता भानू के साथ उनके तीन भाइयों ने मारपीट की। इसके परिणामस्वरूप, शिक्षक प्रमोद कुमार पर हमला हुआ, और उन्हें गंभीर चोटें आईं। साथ ही, इस घटना के दौरान कुछ रसोइयों को भी अपशब्द कहा गया। इसके बाद, शिक्षक ने समेत अन्य साथी शिक्षकों और खंड शिक्षा अधिकारियों को घटना की जानकारी दी।

कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोडहिया में हुई इस घटना के बाद, पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू की है, और किसान नेता भानू समेत उनके तीन भाइयों पर मुकदमा दर्ज किया है।

इस घटना ने एक सरल सी घटना को एक मामूली प्राथमिक विद्यालय के परिप्रेक्ष्य में बदल दिया है। किसान नेता भानू का यह कदम शिक्षा और कृषि सेक्टर के बीच की जानेवाली दबंगई की प्रतिचित्रण के रूप में देखा जा रहा है। हम इस मुद्दे पर गहरे अध्ययन करेंगे और यह देखेंगे कि कैसे एक आम से लगने वाली घटना ने सामाजिक, सांस्कृतिक, और शैक्षिक दृष्टिकोण से कितना महत्वपूर्ण बदलाव लाया है।

किसान नेता भानू के तीन भाइयों के साथ शिक्षक प्रमोद कुमार के परिप्रेक्ष्य में हम इस मामले की शुरुआत से ही करेंगे। भानू, बाबर, अन्नू, और बुल्लू के नामों से जाने जाने वाले ये चार भाइयों ने किसान समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्य के रूप में अपना परिचय दिलाया है। ये भाइयां अपने कृषि क्षेत्र में समर्थन और नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक भाई भानू, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव हैं।

घटना के दिन, भानू और उनके भाइयों ने विद्यालय में शिक्षक प्रमोद कुमार से मिलने का निर्णय लिया। इस मिलनसर की मुख्य उद्देश्य विद्यालय के बच्चों के लिए किसान समुदाय के साथ एक कृषि प्रोजेक्ट की बातचीत करना था। हालांकि, इस मिलनसर की बजाय, जो होना चाहिए था, वह प्रतिक्रियाओं का दौर बन गया।

शिक्षक प्रमोद कुमार ने दावा किया कि भानू और उनके भाइयों ने उन्हें मारा और पीटा, और उन्हें अभिलेख पढ़ने की धमकी दी। इसके अलावा, रसोइयों को भी अपशब्द कहा गया। यह घटना अत्यंत गंभीर हो गई और शिक्षक प्रमोद कुमार को गंभीर चोटें आईं।

इस घटना के बाद, समाज में यह मान्यता है कि शिक्षा क्षेत्र में दबंगई की उच्च स्तर पर बढ़ती जा रही है। यह एक ऐसा संकेत है कि शिक्षा संस्थानों में स्वाधीनता की बजाय डर और दबंगई की अवस्था किसी को भी अच्छी नहीं बैठ रही है।

साथ ही, इस मामले ने सामाजिक समरसता की भावनाओं को भी चुनौती देने का काम किया है। बहराइच जिले में किसान समुदाय और शिक्षक समुदाय के बीच तनाव का संकेत देने वाली इस घटना ने सामाजिक विवादों को भी उजागर किया है।

कोतवाली क्षेत्र की पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही, आरोपियों पर एससी एसटी एक्ट भी लगाया गया है, जिसके तहत उनके खिलाफ अनुशासन कार्रवाई हो सकती है।

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