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INDIA Alliance रहे या टूटे, सपा ने 80 सीटों पर चुनाव के लिए कमर कसी, अखिलेश करने जा रहे ये बड़ा काम

लखनऊ : समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच इंडिया गठबंधन बरकरार रहे या टूट जाए. इस बात की फिक्र किए बगैर समाजवादी पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारी को प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर केंद्रित कर दिया है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी बैठक बुलाई है. जिसमें सभी 80 लोकसभा सीटों के प्रभारी सहित सपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है. अखिलेश यादव अपनी चुनावी तैयारी खुद पर केंद्रित करते हुए आगे बढ़ा रहे हैं. इससे लगातार दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं.

समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि पार्टी नेतृत्व इस बात पर गौर कर रहा है कि इंडिया गठबंधन के अंतर्गत अगर कांग्रेस ने सीट शेयरिंग में कुछ ऊपर नीचे किया या अभी मध्य प्रदेश में जिस प्रकार से समाजवादी पार्टी के साथ व्यवहार किया गया है. इस सबसे अखिलेश यादव खुश नहीं हैं.

सीट नहीं देने के अलावा सपा नेताओं को लेकर कांग्रेस नेताओं की तरफ से गलत तरीके से बयानबाजी की गई है. उसको लेकर भी अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई थी. जिसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से अखिलेश यादव को मैसेज भेज कर कुछ दिनों में बात करने का संदेश दिया गया, लेकिन एक सप्ताह बीतने के बावजूद कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से अखिलेश यादव से मध्य प्रदेश के सीट शेयरिंग को लेकर कोई बातचीत नहीं की गई है.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि इंडिया गठबंधन के अंतर्गत लोकसभा चुनाव हो या राज्यों के विधानसभा चुनाव गठबंधन का मतलब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना होता है, लेकिन कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी से संबंधित सीटों पर उम्मीदवार उतारकर विश्वासघात किया है.

हमने भी वहां पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार उतार दिए हैं. नामांकन प्रक्रिया पूरी की गई है. एक नवंबर को अखिलेश यादव ने लोकसभा प्रभारियों के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व नई कार्यकारिणी के नेताओं को बुलाया है. बैठक में यूपी की लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी.

मौजूदा हालात को देखते हुए इंडिया गठबंधन रहे या ना रहे हम अकेले दम पर भारतीय जनता पार्टी को हराने का काम करेंगे. इसलिए छोटे दलों को साथ लेकर अपनी चुनावी तैयारी आगे बढ़ा रहे हैं. साथी संगठन को मजबूत करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को अपने साथ लेने का काम करेंगे.

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