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बुलंदशहर में पूर्व आईबी कर्मचारी की हत्या, गोलियों से भूनकर उतारा मौत के घाट

बुलंदशहर : जमीन के 150 गज के टुकड़े पर अधिकार जताने के फेर में दो परिवार बर्बाद हो गए. आइबी के हेड कांस्टेबल रामभूल के पिता और तीन भाइयों की भी पूर्व में हत्या हो चुकी है.

दूसरे पक्ष कोई ओर नहीं ममेरे भाई हैं. ममेरे भाई के पांच हत्याभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. पोस्टमार्टम हाउस पर स्वजन ने बताया कि वह मूल रूप से जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के गांव रोंडा के निवासी हैं.

रामभूल की मां सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव नासिरपुर भैंसरोली के निवासी थी. कोई भाई न होने के चलते रामभूल के पिता 1978 में नासिरपुर भैंसरोली में आकर रहने लगे थे.

करीब 110 बीघा जमीन के मालिक रामभूल के पिता रिसाल सिंह का ससुराल पक्ष के बिजेंद्र सिंह पुत्र महेंद्र सिंह से 150 गज जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. 1986 में रामभूल सिंह पर रामवीर पक्ष ने गोलियां बरसा (Murder in Bulandshahr) दी थीं.

दो गोली अब भी रामभूल के शरीर में थी और शुक्रवार को फिर से फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी गई. 1991 रामभूल के बड़े भाई श्रीपाल, 1992 में भाई रतनपाल और सतपाल सिंह तथा उनके पिता रिसाल सिंह की भी गोली बरसाकर हत्या कर दी गई थी.

सतपाल की हत्या में दूसरे पक्ष के बिरेंद्र सिंह पुत्र महेंद्र सिंह, विरेंद्र सिंह पुत्र साेहनपाल, सुनील सिंह पुत्र बिजेंद्र सिंह, कुंवरपाल सिंह पुत्र चेतराम सिंह और सतपाल सिंह पुत्र हरवीर सिंह सहित पांच लोगों को आजीवन कारावास हुई थी.

इनमें से विरेंद्र सिंह की मौत हो चुकी है और अन्य हत्याभियुक्त 2021 में आजीवन कारावास की सजा काटकर जेल से बाहर आ चुके हैं और गांव छोड़कर अन्य जनपदों में जाकर रहने लगे. अन्य मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं.

रामभूल हत्या के मामले में गया था जेल: आईबी हेड कांस्टेबल रामभूल (IB Head Constable Rambhool) पक्ष ने भी दूसरे पक्ष के दो लोगों की हत्या 1993 में की थी. इसमें रामभूल हत्या और हत्या की योजना बनाने के आरोप का आरोपित बनाकर पुलिस ने जेल भेजा था. इसी रंजिश के दूसरे पक्ष के तीन युवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और पांच टीम गठित की गई हैं.

ग्राम प्रधान थी रामभूल की भाभी मुनेश: सोमवार 5:20 बजे रामभूल की हत्या कर दी गई. रंजिश के चलते दोनों परिवार गांव छोड़कर बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद में रहने लगे. घर खंडहर हो चुके हैं और रामभूल यदा-कदा खेती करने आते थे. रामभूल के बड़े भाई श्रीपाल के मर्डर के बाद उनकी पत्नी मुनेश को ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान बनाया था.

हत्यारों ने मौजूद लोगों को भगाया: ग्रामीणों ने बताया कि दो बाइकों पर सवार चार नकाबपोश बदमाशों ने सरेराह ट्रैक्टर सड़क पर ओवरटेक किया. बाइकों पर दो युवक बैठे रहे और दो ने बाइकों से उतरकर धमकी दी कि जान प्यारी है तो रामभूल को छोड़कर सभी यहां से भाग जाओ, नहीं तो मारे जाओगे. ऐसे में ट्रैक्टर चला रहे मनोज और पिता हेमराज ट्रैक्टर स्टार्ट छोड़कर फरार हो गए.

इसके बाद बदमाशों ने ट्रैक्टर के नजदीक पहुंचकर फायरिंग शुरू की. अफरातफरी मचने पर बाइकों पर सवार दो बदमाशों ने भी रामभूल पर फायरिंग की. चार गोलियां रामभूल को लगी. मौत की पुष्टि होने पर ही बदमाश मौके से फरार हो गए.

क्या कह रही है पुलिस: बुलंदशहर एसएसपी श्लोक कुमार (Bulandshahr SSP Shlok Kumar) ने कहा कि दोनों पक्षों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है. रामभूल भी हत्या के मामले में जेल जा चुका है, दूसरे पक्ष के पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी.

जो 2021 में आजीवन सजा काटकर जेल से बाहर आ गए थे. इनमें से एक की मौत (Former IB employee murder in Bulandshahr) हो चुकी है. दूसरे पक्ष के तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

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