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आगरा नगर निगम ने एक लाख उपभोक्ताओं के भेजा नोटिस, ये है वजह

आगरा: आगरा नगर निगम की ओर से पूर्व में कराए सर्वे की रिपोर्ट पर ही एक लाख से ज्यादा लोगों को हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस भेजे हैं. जिससे एक बार फिर लोगों में में खलबली मच गई है. क्योंकि, बीते साल नगर निगम सदन में सर्वे के आधार पर भेजे गए हाउस टैक्स के नोटिस (House tax and property tax notices to one lakh consumers) से हंगामा हुआ था.

इस पर सदन में हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स के लिए निजी कंपनी से कराए सर्वे को नगर निगम सदन ने खारिज कर दिया था. लेकिन, शासन ने नगर निगम सदन के आदेश को नहीं माना है. जिससे पुराने सर्वे के आधार पर ही करीब एक लाख से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं.

शासन ने सर्वे रिपोर्ट खारिज नहीं की थी: इस बारे में नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि, शासन ने सर्वे रिपोर्ट खारिज नहीं की है. शासन ने यह रियायत दी गई है कि, जिन मामलों में संपत्ति के स्वामी को आपत्ति है. उसका निस्तारण किया जाएगा. इसके चलते नगर निगम की टीम मौके पर जाकर दोबारा पैमाइश करके टैक्स का निर्धारण करेगी.

बता दें कि, शासन के आदेश पर 2020 2022 तक शहर में आवासीय और गैर आवासीय संपत्तियों का सर्वे निजी कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन से कराया गया था. शहर के सर्वे में करीब 3.50 लाख संपत्तियों का कर निर्धारण हुआ था. जबकि, शहर में करीब 1.80 लाख संपत्तियां ही नगर निगम में पंजीकृत थी. निजी कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन के हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर कराए गए सर्वे में तमाम खामियां मिलीं.

जनता ने उठाए थे सर्वे पर सवाल: निजी कंपनी सांई कंस्ट्रक्शन के सर्वे में हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स के लिए संपत्तियां बढ़ गई थी. जिससे टैक्स कई गुना तक बढ़ गया था. इस पर लोगों ने नगर निगम में शिकायतें की थीं. लोगों का आरोप था कि, सर्वे में आवासीय संपत्तियों को व्यवसायिक में दर्ज किया गया है.

इसके साथ ही सर्वे में भवनों का एरिया भी कई गुना बढ़ाया गया है. निजी कंपनी सांई कंस्ट्रक्शन के सर्वे पर लोगों ने सवाल उठाए. जनता ने अपनी शिकायतें स्थानीय पार्षदों से की थीं.

सदन में हुआ था हंगामा: आगरा नगर निगम (Agra Municipal Corporation) सदन में जब पार्षदों ने निजी कंपनी सांई कंस्ट्रक्शन के सर्वे पर सवाल एिक. इस पर सदन में खूब हंगामा हुआ. निजी कंपनी सांई कंस्ट्रक्शन के सर्वे की खामियां गिनाईं गईं.

जिस पर तत्कालीन मेयर नवीन जैन की अध्यक्षता में हुए सदन में एक स्वर में सर्वे को खारिज करके नोटिसों पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी किया गया था. इसकी जानकारी शासन को भेजी गई थी.

लेकिन सदन के आदेश के बाद भी नगर निगम के अधिकारी साईं कंस्ट्रक्शन द्वारा किए गए कर निर्धारण के आधार पर नोटिस भेज रहे हैं.

खांमियों पर सदन में उठाए थे सवाल: नगर निगम के उपसभापति रवि माथुर ने बताया कि, निजी कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन के किए गए सर्वे में तमाम खामियां मिली थी. जिसमें मनमाने तरीके से टैक्स लगाया गया था.

तमाम आवासीय भवनों को भी व्यवसायिक दर्शाया गया था. जिस पर सवाल उठाए तो सदन ने एक स्वर में सर्वे को खारिज किया था. तब नोटिस जारी करने पर भी रोक लगा दी थी. अब फिर से लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं.

शिकायत पर जांच के बाद टैक्स में सुधार: अपर नगर आयुक्त विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि, शासन के निर्देश पर सर्वे कराया गया था. शासन ने नगर निगम सदन की ओर से भेजी गई सर्वे की रिपोर्ट पर सर्वे को खारिज नहीं किया है.

इसलिए, जो नोटिस जारी किए जा रहे हैं. यदि किसी को नोटिस पर कोई आपत्ति है तो उसका निस्तारण किया जाएगा. जो भी गलती की गई है. उसकी जांच करके टैक्स में सुधार किया जाएगा.

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