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अब होगा लखनऊ में गैर-पंजीकृत पालतू जानवरों के श्मशान! जानिए कैसे!

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: अतिरिक्त नगर आयुक्त (पशु कल्याण) डॉ. अरविंद राव ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी में बड़ी संख्या में पाये जाने वाले पालतू और गैर-पंजीकृत पालतू जानवरों की समस्या को लेकर चिंतित होने के बाद, एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। डॉ. अरविंद राव ने बताया कि शहर में लगभग 9,000 से अधिक पंजीकृत पालतू जानवर और लगभग 20,000 गैर-पंजीकृत पालतू जानवर हैं। इसके अलावा, शहर में लगभग 80,000 स्ट्रीट कुत्तों की आबादी है.

राव ने बताया कि हर दिन औसतन लगभग 100 सड़क कुत्ते और 20 पालतू जानवर मर जाते हैं, जिससे जानवरों के शवों के उचित निपटान की समस्या बढ़ती जा रही है. उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए एक विद्युत शवदाह गृह स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए एलएमसी हाउस ने ₹3 करोड़ का बजट आवंटित किया है.

इस नई सुविधा के माध्यम से, लोग अब अपने मृत पालतू जानवरों के निपटान को बेहद आसानी से कर सकेंगे. शहर में एक समर्पित कब्रिस्तान या पशु भस्मक की कमी के कारण लोगों को अनुमति के साथ भैसाकुंड में अपने पालतू जानवरों का अंतिम संस्कार करना पड़ता था. अब इस विद्युत शवदाह गृह के आगमन से, शवों के खुले निपटान से होने वाले खतरे कम हो जाएंगे.

इस नई पहल का उद्घाटन बड़े धूमधाम के साथ किया जाएगा, और यह शहर के जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल जानवरों के शवों का निपटान हो सकेगा, बल्कि जानवरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी.

लखनऊ नगर निगम ने शहर में बढ़ती पालतू और गैर-पंजीकृत पालतू जानवरों की समस्या को ध्यान में रखते हुए विद्युत शवदाह गृह की स्थापना के लिए ₹3 करोड़ का बजट आवंटित किया है. इस सुविधा के माध्यम से, लोग अब अपने मृत पालतू जानवरों के निपटान को बेहद आसानी से कर सकेंगे, जिससे जानवरों के शवों के उचित निपटान की समस्या को दूर किया जा सकेगा।

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