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कभी थमी कभी बढ़ी कोरोना की रफ्तार, पिछले एक साल में दुनियाभर में संक्रमित हुए 19.9 करोड़ लोग, 34 लाख मरीजों हुई मौत

एक साल की अवधि के दौरान दुनियाभर में 19.9 करोड़ लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी जानकारी दी है. WHO ने बताया कि इस दौरान 34 लाख लोगों की कोविड-19 की वजह से मौत हुई. दुनियाभर में वैक्सीन की उपलब्धता होने के बाद भी कोरोनावायरस की रफ्तार में कोई कमी नहीं हुई है. यही वजह है कि कोविड प्रोटोकॉल अब आम जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे हैं और ये पूरी तरह से अंतर्निहित हो चुके हैं.

कोविड के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) को डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. डेल्टा वेरिएंट की वजह से ही दुनियाभर में दूसरी और तीसरी कोविड लहर देखने को मिली. वहीं, ओमीक्रॉन की वजह से अब दुनियाभर में चिंता का माहौल है. ओमीक्रॉन कई सारे म्यूटेंट को पैदा कर रहा है, जिनकी अभी गहन स्टडी की जाना बाकी है. WHO द्वारा साप्ताहिक रूप से उपलब्ध कराए गए अपडेट के अनुसार, 13 दिसंबर, 2020 को वैश्विक स्तर पर 7 करोड़ से अधिक कोविड-19 मामले और लगभग 16 मिलियन मौतें हुईं.

पिछले साल इस समय अमेरिका और यूरोप में जारी था कोरोना का कहर

एक साल बाद, 14 दिसंबर, 2021 को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय के कोरोनावायरस ट्रैकर से पता चलता है कि अब तक 26.9 करोड़ कोविड-19 मामले सामने आए हैं और 50 लाख मौतें हुई हैं. इसी समय पिछले साल दिसंबर में यूरोप और अमेरिका दो ऐसे क्षेत्र थे, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए. 13 दिसंबर, 2020 की WHO की महामारी विज्ञान रिपोर्ट के अनुसार, दोनों महाद्वीपों में संयुक्त रूप से सभी नए कोविड-19 मामलों का 85 प्रतिशत और उस सप्ताह नई मौतों का 86 प्रतिशत हिस्सा रिकॉर्ड किया गया.

दक्षिण एशिया में कम हुए थे केस

अफ्रीकी और पश्चिमी-प्रशांत क्षेत्र ने भी नवंबर और दिसंबर के दौरान कोरोना मामलों में नए सिरे से वृद्धि देखी और सितंबर में चरम के बाद दक्षिण पूर्व एशिया में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में गिरावट आई. उस सप्ताह विश्व स्तर पर सबसे अधिक मामलों की रिपोर्ट करने वाले पांच देश अमेरिका, ब्राजील, तुर्की, भारत और रूस थे. बढ़ते संक्रमणों के लिए आंशिक रूप से अर्थव्यवस्थाओं के फिर से खुलने और आने वाली छुट्टियों के मौसम को जिम्मेदार ठहराया गया था. भारत में महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में अधिक मामले सामने आए.

9 दिसंबर 2020 को लगाई गई पहली वैक्सीन

यहां गौर करने वाली बात ये है कि उस दौरान दुनिया महामारी से लड़ने के लिए उतना तैयार नहीं थी. कोरोनावायरस की पहली वैक्सीन 9 दिसंबर 2020 को ब्रिटेन में लगाई गई थी. इस दौरान ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा था कि ये हमारे दुश्मन कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत है. इसके बाद से फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका जैसी कंपनियों ने अपने वैक्सीन को तैयार किया है. इन वैक्सीनों के जरिए ही अभी तक दुनियाभर में 8.47 अरब डोज लोगों को लगाई गई है.

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