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गन्ने की घटतौली और अवैध खरीद पर योगी सरकार की सख्ती, होगी कड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में चल रही पेराई के दौरान मिलगेट एवं गन्ना क्रयकेन्द्रों पर घटतौली को सख्ती से रोकने के लिए जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं। प्रदेश के गन्ना किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए  गन्ना एवं चीनी आयुक्त  संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि   गन्ना क्रयकेन्द्र संचालित होने से 15 दिन पूर्व तौल लिपिकों के लाइसेंस संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से बनवाकर चीनी मिलों को उपलब्ध कराये गये हैं।

क्रय केन्द्र पर गन्ना तौल करते समय तौल लिपिकों द्वारा लाइसेंस के साथ पहचान-पत्र अनिवार्य रूप से रखना होगा, जिन तौल लिपिकों के लाइसेंस जारी किये गये है उनका डाटावेस मय फोटो सहित विभागीय वेवसाइट पर अपलोड किये जाने की कार्यवाही सम्बन्धित सहायक चीनी आयुक्त द्वारा की जायेगी।

भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में संचालित हो चुकी चीनी मिलों में अब तक 2,850 चीनी मिल गेट एवं क्रय केन्द्रों का निरीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जा चुका है। जिसमें कुल  नौ गम्भीर एवं 116 सामान्य अनियमितताएं पाई गयी। गम्भीर मामलों में नौ  तौल लिपिकों के तौल लाइसेंस को निलम्बित करने की कार्यवाही की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में तीन  प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा चुकी है।

गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया  कि तौल लिपिको के पाक्षिक स्थानान्तरण को पारदर्शी बनाये जाने के लिए ई.आर.पी. के माध्यम से स्थानान्तरण करने तथा उसे विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर  सूची को सोशल मीडिया पर भी प्रसारित किया जायेगा। विगत  पांच वर्षो में जिन तौल लिपिकों के लाइसेंस निरस्त किये गये हो अथवा दण्डित किया गया हो उन तौल लिपिकों के लाइसेंस जारी  न किये जाने के  निर्देश भी दिये गये है।

चीनी मिलगेट पर न्यूनतम 10 टन क्षमता वाले मैनुअल काँटा लगाये जाने के लिए चीनी मिल संचालक को निर्देशित किया गया है जिससे किसान अपने वजन की तुलनात्मक जाँच कर सकेगें। स्थानीय तौल लिपिक को उसी ग्राम में स्थापित क्रयकेन्द्र पर तौल लिपिक के रूप में न लगाये जाने के निर्देश भी दिये गये।

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