उत्तर प्रदेशताज़ा ख़बरबड़ी खबरसुलतानपुर

सुल्तानपुर अवैध निर्माण: जिला पंचायत के कार्यालय की भूमि पर क्यों बन रहा है कांप्लेक्स

सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में हाल ही में एक विवादित मामला सामने आया है, जिसमें जिला पंचायत की ओर से दफ्तर की भूमि पर कांप्लेक्स का निर्माण कर रहे हैं। इस मामले में भूमि का पट्टा प्राचीन इतिहास से जुड़ा हुआ है, और इसके चारों ओर बिगड़ते हुए नियमों के खिलाफ उठे सवाल हैं। इस लेख में, हम इस मामले की विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे और इस समस्या के पीछे की कहानी को समझने का प्रयास करेंगे।

ब्रिटिश काल के दौरान, 30 मार्च 1943 को सुल्तानपुर जिले के मीरानपुर परगना में एक भूखंड का पट्टा दिया गया था, जिसमें आठ बीघा, नौ बिस्वा, और छह धुर की भूमि शामिल थी। इस पट्टे का प्रयोजन जिला पंचायत के कार्यालय के लिए उपयोग करना था, और इस पर 90 साल के लिए पट्टा किया गया था, जिसका समयावधि 29 मार्च 2033 को समाप्त होने वाली है।

मौजूदा सिविल लाइंस में, इस भूखंड के बड़े हिस्से पर जिला पंचायत का कार्यालय पहले से ही स्थित है। इसके अगले हिस्से पर, जिला पंचायत ने 2020 में कॉमर्शियल कांप्लेक्स का निर्माण करने के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस कांप्लेक्स की दुकानों का आवंटन भी किया गया था, और लाखों रुपये की आवंटियों को जमा कर लिया गया था।

इस निर्माण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की गई, और इसके परिणामस्वरूप निर्माण कार्य रोका गया। जब जिला पंचायत अध्यक्ष के वकील ने 2021 में इस निर्माण के टेंडर को निरस्त करने का आरोप हाईकोर्ट में दाखिल किया, तो यह याचिका वापस ले ली गई।

हाल ही में, जिला पंचायत के अधिकारी ने तकनीकी सत्र के बाद इस कांप्लेक्स के निर्माण को फिर से शुरू कर दिया है। अब भूमि पर कॉलम और अन्य निर्माण कार्य जारी हैं।

नियमों के खिलाफ: कई लोग यह प्रश्न उठा रहे हैं कि नियमों के खिलाफ कैसे निर्माण कार्य किया जा रहा है, जबकि शासनादेश इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं मनाते।

नक्शा के खिलाफ: नजूल की भूमि पर किए जा रहे निर्माण के नक्शे की गुमराही का भी आरोप है, क्योंकि यह नक्शा नियमों के खिलाफ है और इसे पास करना सही नहीं है।

नजूल की जमीन पर कांप्लेक्स के निर्माण के खिलाफ आवाज उठने पर, राघवेंद्र पांडेय, एक स्थानीय निवासी ने प्रमुख सचिव पंचायती राज को इस मामले में रुकवाने की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत प्रतिलिपि मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, और अपर मुख्य अधिकारी को भी भेजी है। उनका कहना है कि नजूल की जमीन पर यह निर्माण विधि के खिलाफ है और इसे रोकना चाहिए।

इस मामले में हाईकोर्ट के सामने आने की तैयारी है, और यह जिला पंचायत के अधिकारियों के लिए अच्छा साबित हो सकता है। इस मामले में नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है, और जनता के अधिकारों की सुनवाई करना भी।

यह सुल्तानपुर समाचार लेख दर्ज किए गए गतिविधियों के बारे में है, जो दफ्तर की भूमि पर कांप्लेक्स के निर्माण के बारे में हैं। इसके पीछे की कहानी जिला पंचायत के नियमों और नक्शे की मान्यता के सवाल पर केंद्रित है, और इसके आगे के निर्णय का इंतजार है।

Related Articles

Back to top button