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नौसेना में शामिल हुई सबमरीन INS वेला, मेक इन इंडिया के तहत किया गया है तैयार

देश की चौतरफा सुरक्षा को तेजी से और मजबूत करने के लिए भारत लगातार विध्वंसक युद्धपोतों और पनडुब्बियों के निर्माण में लगा हुआ है. इसी कड़ी में अपनी समुद्री सीमाओं को मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना (Indian Navy) 6 नए सबमरीन अपने बेड़े में शामिल करेगी, जिसमें से तीन सबमरीन पहले शामिल किए जा चुके हैं और चौथी सबमरीन वेला (Submarine Vela) आज शामिल हो गई.

नौसेना में नई सबमरीन के शामिल होने से भारत की ताकत कई गुना बढ़ गई है. आखिर क्या है इस सबमरीन की खूबियां और क्यों इसकी समंदर में धमक से डरे हुए हैं दुश्मन देश, देखिए हमारी इस खास रिपोर्ट में. भारतीय नौसेना की आन-बान और शान को बुलंदी पर पहुंचाने वाला एक और समुद्री फाइटर. नाम INS वेला. कहने को तो ये नाम ही काफी है. इस किलर पनडुब्बी के नाम का मतलब ही दुश्मनों के लिए जानलेवा डंक से कम नहीं है.

क्लावरी क्लास की ये पनडुब्बी आज नौसेना में शामिल हो गई. भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कमीशनिंग सेरेमनी के जरिए इसे नौसेना को सुपुर्द किया. ये वही सबमरीन है जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है. ऐसा किलर जो दुश्मन को उसकी मौत की भनक तक नहीं लगने देता. सबमरीन वेला से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा. सबमरीन वेला समुद्री सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

स्वदेशी पनडुब्बी है INS वेला 

INS वेला एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जिसे मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया गया है. आईएनस कलवरी, खंडेरी और आईएनएस करंज के बाद आईएनएस वेला को मेक इन इंडिया कैंपेन की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. ये आधुनिक मशीनरी और टेक्नॉलजी के साथ साथ ही घातक हथियारों से लैस है. ये पानी के अंदर से हमला करने की क्षमता के साथ टारपीडो और एंटीशिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है.

माइंस भी बिछा सकती है सबमरीन वेला 

इसमें 6 टारपीडो ट्यूब्स बनाई गई हैं, जिसमें से एक बार में 18 टारपीडो फायर हो सकते हैं. सबमरीन वेला माइंस भी बिछा सकती है. रडार से बचकर निकलने में भी सक्षम है. हाइटेक सेंसर और संचार सुविधा से लैस है. यही नहीं, पानी के अंदर 50 दिनों तक रह सकती है और एक बार में 12 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकती है. ये पनडुब्बी हिंदुस्तान का दम है, लेकिन इसका नाम वेला क्यों पड़ा ये सवाल दुश्मनों को भी हैरान कर रहा है. अब आपको INS वेला के नामकरण के बारे में भी बताते हैं.

वेला एक प्रकार की भारतीय मछली है, जो स्टिंग-रे फैमिली में आती है. ये मछली समुद्र की खतरनाक शिकारियों में से एक है. इसका डंक किसी भी दुश्मन को एक झटके में खत्म करने के लिए काफी है. स्टिंग-रे मछली पूरी दुनिया में अपनी चतुरता, घातक हमला, बचाव के तरीके और आक्रामकता के लिए जानी जाती है. INS वेला भी इन सभी खासियतों से लैस है और इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जा रहा है. समंदर में इसकी मौज़ूदगी से हिंद महासागर में ड्रैगन की कब्जे वाली रणनीति पूरी तरह नाकाम होगी.

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