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झारखंड की लड़कियां दिल्ली और हरियाणा से रेस्क्यू, मानव तस्करी की शिकार हुई थीं सभी नाबालिग

झारखंड में मानव तस्करी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में लातेहार एसपी अंजनी अंजन के द्वारा भी अभियान चलाया गया. यह अभियान काफी हद तक सफल हो रहा है.

गुरुवार को पुलिस ने 9 बच्चियों को मुक्त कराकर उनके परिजनों से मिला दिया. बरसों बाद अपने परिजनों से मिलकर लड़कियों के चेहरे पर मुस्कान नजर आई. वहीं पुलिस ने मानव तस्करी में शामिल एक दलाल को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

लातेहार एसपी ने मानव तस्करी की शिकार हुए बच्चों को मुक्त करने का एक अभियान चलाया है. इसी कड़ी में गुरुवार को 9 लड़कियों को मानव तस्कर के चंगुल से मुक्त कराया गया.

पुलिस के द्वारा बरामद की गई लड़कियां लातेहार जिले के अलावा गुमला और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं. विभिन्न राज्यों से मुक्त करायी गयीं सभी लड़कियों को लातेहार लाकर सभी प्रकार के संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनको परिजनों को सौंप दिया गया. बरसों बाद अपने परिजनों से मिलने के पश्चात लड़कियों के चेहरे पर मुस्कान देखी गयी.

लगातार चलाया जाएगा अभियान- एसपीः इस संबंध में एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि लातेहार के गारू और महुआडांड़ के अलावा छत्तीसगढ़ तथा झारखंड के ही कुछ अन्य इलाकों से आदिवासी बच्चियों को बहला-फुसलाकर बाहर ले जाते हैं. नौकरी दिलाने के नाम पर मानव तस्कर बड़े शहरों में उन्हें घरेलू नौकरानी के रूप में काम पर लगा देते हैं. इसके बाद लड़कियों का शोषण आरंभ होता है.

घरेलू नौकरानी के रूप में काम करने के दौरान उनके साथ मारपीट के अलावे अमानवीय व्यवहार भी किया जाता है.लातेहार एसपी ने बताया कि मानव तस्करी के धंधे में शामिल कुछ लोगों के द्वारा नाबालिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घटना को भी अंजाम दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि पुलिस इस प्रकार से मानव तस्करी की शिकार हुई लड़कियों और बच्चों को मुक्त करने के लिए लगातार अभियान चल रही है. इसी के तहत दिल्ली हरियाणा में छापामारी कर 9 नाबालिग बच्चियों को बरामद किया गया. एसपी ने बताया कि घटना में शामिल छत्तीसगढ़ बलरामपुर निवासी एक आरोपी मनोज कुमार यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है.

तीन कड़ी में काम करते हैं मानव तस्करः एसपी ने बताया कि मानव तस्करी में शामिल लोग तीन कड़ी में अपना धंधा चलाते हैं. सबसे पहली कड़ी कुछ स्थानीय लोग होते हैं जो गरीब माता-पिता को पैसे का लालच देकर बच्चों को नौकरी दिलवाने के नाम पर बड़े शहरों में ले जाते हैं.

दूसरी कड़ी प्लेसमेंट एजेंसी चलने वाले लोग होते हैं, जो इन बच्चियों को अपने पास रखकर काम के बारे में सीखते हैं. इसके बाद तीसरी कड़ी वे लोग होते हैं जो बच्चियों को घरेलू नौकरानी के रूप में प्लेसमेंट देते हैं. एसपी ने बताया कि मानव तस्करी की श्रृंखला को तोड़ना उनका लक्ष्य है और इस कार्य में पुलिस पूरी गंभीरता से लगी हुई है.

बच्चों का बनाया जाता है फर्जी पहचान पत्रः एसपी ने बताया कि पूरे मामले की छानबीन के दौरान यह भी पता चला कि स्थानीय दलाल जब बच्चों को प्लेसमेंट एजेंसी तक पहुंचाते हैं. इसके बाद प्लेसमेंट एजेंसी में बच्चों का फर्जी पहचान पत्र बनाया जाता है.

मानव तस्करी के शिकार हुए बच्चों का असली पहचान पत्र और मोबाइल प्लेसमेंट एजेंसी जब्त कर लेती है और उनका फर्जी पहचान पत्र बनाकर घरेलू नौकरानी के रूप में काम करने के लिए भेज देती है.

मानव तस्करी के खिलाफ अभियान में लातेहार पुलिस की कार्रवाई में पुलिस इंस्पेक्टर चंद्रशेखर चौधरी, सब इंस्पेक्टर सुमित कुमार यादव, आशुतोष यादव, अजय कुमार दास, रूपलाल प्रसाद, मोहम्मद शाहरुख, आरक्षी पंकज कुमार, मूगी सोरेन गोदलिया कुजूर की भूमिका सराहनीय रही.

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