उत्तर प्रदेशलखनऊ

निजीकरण के खिलाफ बड़े आन्दोलन की तैयारी में भारतीय मजदूर संघ

  • मजदूर संघ जल्द राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तिथि की घोषणा करेगा

लखनऊ। भारतीय मजदूर संघ निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए अलग- अलग प्रान्तों में आन्दोलन की तैयारी के संबंध में बैठक हो चुकी है। आन्दोलन की तिथि की घोषणा जल्द ही मजदूर संघ की आल इण्डिया वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद होगी।

भारतीय मजदूर संघ के उत्तर मध्य क्षेत्र (उप्र, उत्तराखंड, दिल्ली) के क्षेत्र संगठन मंत्री अनुपम ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि बीएमएस निजीकरण, निगमीकरण, ठेका प्रथा, आउट सोर्सिंग एवं मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करेगा।

उन्होंने कहा कि बीएमएस हमेशा निजीकरण के खिलाफ रहा है। सरकार एक के बाद एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। सरकार बिजली विभाग, रेलवे, डाक, बैंकिंग, विमानन, रक्षा और बीमा क्षेत्र में निजीकरण कर रही है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण एवं निगमीकरण न राष्ट्रहित में है और न ही मजदूर हित में है। इसलिए भारतीय मजदूर संघ विरोध में है।

अनुपम ने कहा कि अन्य श्रमिक संगठनों का उद्देश्य सिर्फ श्रमिकों का ही हित होता है जबकि मजदूर संघ का अंतिम लक्ष्य समूची मानव जाति का उत्थान है। अन्य संगठन नारा लगाते हैं कि चाहे जो मजबूरी हो हमारी मांगें पूरी हों। मजदूर संघ का नारा है कि देशहित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम। अन्य मजदूर संगठन कहते थे कि दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ। मजदूर संघ ने नारा दिया, मजदूरों दुनिया को एक करो।

क्षेत्र संगठन मंत्री ने बताया कि सरकार के निजीकरण, निगमीकरण, आउटसोर्सिंग, ठेका प्रथा और वेतन की असमानता श्रमिकों की प्रमुख समस्या है। श्रमिकों को न तो सामाजिक सुरक्षा और न ही नौकरी की सुरक्षा है। इन समस्याओं के निराकरण के लिए मजदूर संघ आन्दोलन करेगा।

इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड के प्रावधानों पर मजदूर संघ ने जताई आपत्ति

भारतीय मजदूर संघ ने इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड के उन प्रावधानों पर सख्त आपत्ति जताई है जिसमें किसी भी फैक्ट्री या एस्टेब्लिशमेंट के अलग-अलग विभागों को अलग-अलग इकाई मान लिया गया है। इस नियम के लागू होने से देश का तकरीबन 99 प्रतिशत कर्मचारी व मजदूर श्रम कानूनों से बाहर हो जायेगा और उसे नई श्रम संहिता के अंतर्गत किसी भी प्रकार का सुरक्षा कवच नहीं मिलेगा।

इसलिए मजदूर संघ ने एस्टेब्लिशमेंट की परिभाषा में संशोधन करने की मांग की। इसके अलावा संघ ने नई यूनियन के पंजीकरण प्रक्रिया में अनावश्यक बाधाएं खड़ी करने के विरोध में तथा उन प्रावधानों के संशोधन की मांग की है। इस संबंध में केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव से बीएमएस का प्रतिनिधिमण्डल 23 अगस्त को मिला है।

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