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सिक्किम में बाढ़ की आंखों देखी गई अद्भुत तस्वीरें!

सिक्किम का सौंदर्य, वन्यजीवों की धरती, और प्राकृतिक सौन्दर्य का प्रतीक माना जाता है, लेकिन हाल ही में आई बाढ़ ने इस राज्य को अपने प्रभावों से हिला दिया है। गुरुवार को, 4 अक्टूबर, सिक्किम में हुई बाढ़ ने भारी नुकसान का सामना किया, और इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है, जबकि 22 सेना कर्मियों सहित 102 लोग अभी भी लापता हैं। हम आपको इस अचानक आई बाढ़ के प्रभावों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसने सिक्किम को अच्छूता किया है।

बाढ़ के प्रभाव
बाढ़ ने सिक्किम के अनेक हिस्सों को कच्चा किया है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव तीस्ता नदी के किनारे स्थित चुंगथांग बांध पर हुआ है, जो सिक्किम के लिए महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है। यह बांध तीस्ता -3 परियोजना का मुख्य आधार है और सिक्किम, पश्चिम बंगाल, और बांग्लादेश से होकर बहने वाली तीस्ता नदी के किनारे स्थित है। इस बांध को बाढ़ ने गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे परियोजना के स्थल के साथ-साथ आवासीय कॉलोनी के कुछ हिस्सों को भी खतरे में डाल दिया है।

बाढ़ के प्रभाव पर सरकार की कदम
इस चुनौतीपूर्ण स्थिति के सामने उतरने के लिए, सरकार ने त्वरित कदम उठाए हैं। बिजली मंत्रालय के सचिव, पंकज अग्रवाल ने राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी) द्वारा संचालित परियोजनाओं को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए एक “आपातकालीन बैठक” बुलाई। वहां परियोजनाओं के क्षतिग्रस्त होने की जाँच की जा रही है और कई उपायों का मूल्यांकन किया जा रहा है, ताकि बाढ़ के बाद जलविद्युत उत्पादन को फिर से शुरू किया जा सके।

बाढ़ के बाद का स्थिति
बाढ़ के पानी ने तीस्ता-V जलविद्युत स्टेशन की ओर जाने वाले सभी पुल डूब गए या बह गए, जिससे संचार बाधित हो गया है। बाढ़ का पानी तीस्ता वी पावर स्टेशन [510 मेगावाट] के बांध से ऊपर निकल गया है, जिससे परियोजना स्थलों के साथ-साथ आवासीय कॉलोनी के कुछ हिस्सों को जोड़ने वाली सभी सड़कें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”वर्तमान में पावर स्टेशन बंद है और कोई बिजली पैदा नहीं कर रहा है।” तीस्ता 3 बिजली परियोजना एनएचपीसी द्वारा संचालित नहीं है।

सुरक्षा के साथ संघर्ष
तीस्ता वी पावर स्टेशन पर एनएचपीसी के एक कर्मचारी की जान चली गई, लेकिन साइट पर संगठन के अन्य सभी कर्मी सुरक्षित थे। एनएचपीसी के निर्माणाधीन तीस्ता VI (500 मेगावाट) पर काम बिजलीघर और ट्रांसफार्मर गुफा में पानी घुसने से बाधित हो गया है, जिससे विद्युत उत्पादन पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।

बाढ़ के प्रभाव सबसे बड़े हैं
पश्चिम बंगाल के निचले हिस्से में बांध और जलविद्युत परियोजनाएं ज्यादा प्रभावित नहीं हुईं लेकिन बाढ़ के पानी के कारण उत्पन्न भारी गाद के कारण उन्हें बंद रखा गया है। ऊर्जा मंत्रालय ने कहा, ”एनएचपीसी भोजन, दवा और बिजली जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।”

राहत शिविर और संघर्ष
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने चार प्रभावित जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं, गंगटोक जिले के आठ राहत शिविरों में कम से कम 1,025 लोगों ने शरण ली है। इन शिविरों में मरने वालों की राहत और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जा रही है, ताकि प्रभावित लोगों को सहायता मिल सके।

बाढ़ ने राज्य में 11 पुलों को नष्ट कर दिया, अकेले मंगन जिले में आठ पुल बह गए। नामची में दो और गंगटोक में एक पुल नष्ट हो गया। चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइनें और 277 घर, दोनों कच्चे और कंक्रीट, नष्ट हो गए हैं। चुंगथांग शहर को बाढ़ का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा और इसका 80% हिस्सा गंभीर रूप से प्रभावित हुआ।

इस बड़ी बाढ़ ने सिक्किम को अपने प्रभावों से जूझने पर मजबूर किया है, और सरकारों ने त्वरित कदम उठाने के लिए कई माद्यमों का सहारा लिया है। इसके बावजूद, बाढ़ के प्रभावों से निर्माण और बिजली क्षेत्र में बड़े नुकसान के साथ, सिक्किम अभी भी इस चुनौती का सामना कर रहा है और इसके प्रभावों को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

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