‘यूपी के मुसलमानों को राजनीतिक नेतृत्व की जरूरत, उत्पीड़न और भेदभाव रोकना जरूरी’, बोले असदुद्दीन ओवैसी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को मेरठ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की 19 फीसदी मुस्लिम आबादी को अपने राजनीतिक नेतृत्व की जरूरत है, ताकि उनके खिलाफ अत्याचार और भेदभाव को रोका जा सके.
ओवैसी ने कहा कि मैं यहां आप सभी से अपील करने के लिए हूं कि उत्तर प्रदेश के 19 फीसदी मुसलमानों को अपनी राजनीतिक ताकत, नेतृत्व और भागीदारी की जरूरत है, जिससे हमारे युवाओं के लिए शिक्षा और अत्याचार और भेदभाव को रोका जा सके. साथ ही पूछा कि मुसलमान कब जागेंगे? केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बचाने के लिए केंद्र पर हमला करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि गृह राज्यमंत्री टेनी ने साजिश रची और परिणामस्वरूप उनके बेटे ने चार किसानों को मार डाला.
ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) टेनी को इसलिए नहीं हटाते, क्योंकि वो उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण समाज को परेशान नहीं करना चाहते. लखीमपुर हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को इस घटना को एक पूर्व नियोजित साजिश के रूप में बताया, जिसके कारण आठ लोगों की मौत हो गई. वहीं मंत्री टेनी और उनके बेटे आशीष ने आरोपों से इनकार किया है. हालांकि आशीष मिश्रा और कई अन्य पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
महिलाओं के लिए शादी की उम्र को लेकर ओवैसी ने केंद्र पर साधा निशाना
एआईएमआईएम प्रमुख ने महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने के अपने फैसले पर केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया. ओवैसी ने कहा कि अब केंद्र ने महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र बढ़ाकर 21 कर दी है. कानून के अनुसार आप 18 साल की उम्र में किसी महिला के साथ यौन संबंध बना सकते हैं, लेकिन 18 साल की उम्र में उससे शादी नहीं कर सकते?
ओवैसी ने पूछा कि पीएम मोदी को शादी में क्या दिक्कत है. उन्होंने कहा कि अब बीजेपी कहेगी कि ओवैसी और मुसलमान महिलाओं के फायदे के लिए बात नहीं करते. मोदी जी, आप हमारे चाचा कब बने? ‘अंकल’ बस इधर-उधर बैठकर सवाल पूछते हैं, अब ‘चाचा’ कह रहे हैं कि शादी मत करो. इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सरकार चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में एक विधेयक पेश कर सकती है.