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नेवी को मिला समुद्र का नया ‘शहंशाह’ INS विशाखापत्तनम, राजनाथ सिंह ने कहा- भविष्य की जरूरतों को भी करेगा पूरा

मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों से लैस स्वदेश में निर्मित ‘स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक विशाखापट्टनम’ (INS Visakhapatnam) रविवार को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गया. इसे देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई डॉकयार्ड में कमीशन समारोह में भाग लेकर नौसेना को सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भरतीय नौसेना द्वारा आयोजित कमीशनिंग में आकर खुशी हो रही है. डिफेंस सेक्टर में हम आत्म निर्भरता की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. ये वॉरशिप आधुनिकतम तकनीकी से युक्त है. इसमें प्रयोग किए गए सिस्टम सिर्फ आज नहीं बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करेगा. डिज़ाइन के मामले में 100 फीसदी स्वदेसी है.

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मुझे बताया बताया गया कि 163 मीटर लंबा यह शिप, शक्तिशाली कोलकाता श्रेणी विध्वंसक का टेक्नोलॉजी अपग्रेड है और यह आधुनिकतम तकनीकों से युक्त है. अत्याधुनिक सेंसर पैकेज और हथियारों के साथ यह दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक में से एक होगा. इसमें प्रयोग किए गए सिस्टम फीचर्स न केवल आज की, बल्कि भविष्य की जरूरतों पर भी खरे उतरने वाले हैं. इसकी कमीशनिंग, हमें हमारे प्राचीन, और मध्यकालीन भारत की समुद्री शक्ति, जहाज निर्माण कौशल और उसके गौरवमयी इतिहास की याद दिलाता है.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया, कि MDSL द्वारा तैयार यह लीथल वर्शिप, कंटेंट के मामले में 75%, और डिजाइन के मामले में पूरी तरह स्वदेशी है. शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में हमारी यही ‘आत्मनिर्भरता’, किसी समय पूरी दुनिया भर में हमारी पहचान का एक प्रमुख कारण हुआ करती थी. आज, जब MDSL द्वारा निर्मित ‘INS विशाखापत्तनम’ की सफलतापूर्वक कमीशनिंग हो रही है, तो इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है, कि आने वाले समय में हम न केवल अपनी जरूरतों के लिए, बल्कि दुनिया भर की जरूरतों के लिए भी शिपबिल्डिंग करेंगे.’

व्यापार के क्षेत्र में सभी राष्ट्र एक-दूसरे पर निर्भरः राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘इंडो पैसिफिक, जहां से पूरी दुनिया भर के दो तिहाई से अधिक ऑइल शिपमेंट होता है, एक तिहाई बल्क कार्गो और आधे से अधिक कंटेनर ट्रैफिक गुजरते हैं यानी यह क्षेत्र, पूरी दुनिया के अपने हितों को प्राप्त करने में एक मुख्य रास्ते की भूमिका निभाता है. आज हम वैश्वीकरण के युग में रह रहे हैं. व्यापार के क्षेत्र में प्रायः सभी राष्ट्र एक-दूसरे पर निर्भर हैं. ऐसे में स्थिरता, आर्थिक प्रगति और दुनिया के विकास के लिए नेविगेशन की नियम आधारित स्वतंत्रता, समुद्री रास्ते की सुरक्षा इत्यादि पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. हम एक नियम आधारित, नेविगेशन की आजादी, फ्री ट्रेड और सार्वभौमिक मूल्य वाले इंडो पैसिफिक की कल्पना करते हैं, जिसमें सभी भागीदार देशों के हित सुरक्षित रह सकें. इसमें महत्त्वपूर्ण देश होने के कारण, इस क्षेत्र की सुरक्षा में, हमारी नौसेना की भूमिका और अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है.’

स्वदेशी जहाज निर्माण हब बनाने की ओर आगे बढ़ेंः राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा, ‘पड़ोसियों के साथ मैत्रीभाव, खुलापन, संवाद और सह-अस्तित्व की भावना के साथ माननीय प्रधानमंत्री जी ने SAGAR (Security and Growth for All in the Region) विजन की जो परिकल्पना की थी, उसके मूल में हमारे यही कर्तव्य-भाव थे जिनका निर्वहन आप लोग भली भांति कर रहे हैं. रिपोर्टें बताती हैं कि अगले एक-दो साल, यानि 2023 तक दुनिया भर में सुरक्षा पर होने वाला खर्च, 2.1 ट्रिलियन यूए डॉलर तक पहुंचने वाला है. आज हमारे पास पूरा अवसर है, कि हम अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करें और देश को स्वदेशी जहाज निर्माण हब बनाने की ओर आगे बढ़ें.’

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