उत्तर प्रदेशलखनऊ

इगलास की रैली से पहले जयंत चौधरी ने दादा चौधरी चरण सिंह को जयंती पर दी श्रद्धांजलि, अखिलेश यादव के शामिल होने पर सस्पेंस

देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आज उनके पौत्र और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) दिल्ली के राजघाट पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और अन्य लोगों ने चौधरी चरण सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी. जानकारी के मुताबिक आज दिल्ली के राजघाट से सीधे अलीगढ़ के इगलास में पहुंचेगे जहां समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल की संयुक्त रैली होनी है. हालांकि जो खबर आ रही है, उसके मुताबिक आज की रैली में एसपी प्रमुख अखिलेश यादव हिस्सा नहीं लेंगे. क्योंकि उनकी पत्नी और बेटी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है.

फिलहाल आज की रैली को लेकर एसपी और आरएलडी ने तैयारियां काफी पहले से की हैं और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर एसपी की आरएसडी के साथ वेस्ट यूपी के इगलास में संयुक्त जनसभा होगी. हालांकि इससे पहले एसपी और आरएलडी मेरठ में संयुक्त रैली कर चुके हैं. लेकिन आज की रैली में अखिलेश यादव के शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ है.

रैली को सफल बनाने के लिए नेता करते रहे जनसंपर्क

जानकारी के मुताबिक आज की रैली के लिए दोनों ही दलों के नेता अलीगढ़ के साथ ही आसपास के जिलों में जनसंपर्क करते रहे. वहीं आरएलडी आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती को बड़े स्तर पर आयोजित कर रहा है. चुनाव साल होने के कारण आरएलडी अलीगढ़ के इगलास में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल की इस बड़ी रैली में एसपी और आरएलडी के सभी बड़े नेता हिस्सा लेंगे.

आगरा से भी जाएंगे हजारों कार्यकर्ता

फिलहाल आज होने वाली रैली के लिए पार्टियों के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर किसानों को अपने साथ जोड़ रहे हैं और उन्हें आज की रैली में ला रहे हैं. वहीं आरएलडी और एसपी ने अपने नेताओं को रैली में ज्यादा से ज्यादा भीड़ लाने का जिम्मा दिया है.

अभी तक आरएलडी और एसपी में नहीं हुआ है सीटों का बंटवारा

राज्य में होने वाले चुनावों के लिए अगले महीने के पहले या दूसरे सप्ताह तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है. लेकिन दोनों ही दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है. हालांकि दोनों दलों के बीच गठबंधन तय है. लेकिन सीटों पर अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है. जिसको लेकर प्रत्याशी असमंजस की स्थिति में है. क्योंकि एक सीट के लिए दावेदारों की संख्या ज्यादा है. लिहाजा दोनों ही दलों को लग रहा है कि टिकट ना मिलने से कई नेता नाराज हो सकते हैं.

Related Articles

Back to top button